केरल में सत्ताधारी माकपा के नेताओं द्वारा पुलिस अधिकारियों को मार डालने की धमकी

  • अपराध प्रविष्ट होते ही नेता फरार

  • पुलिस थाने में ही दी धमकी

  • माकपा के ऐसे गुंडा प्रवृत्ति के नेताओं के संबंध में देश का एक भी आधुनिकतावादी, धर्मनिरपेक्षतावादी, साम्यवादी, पुरस्कार वापसी टोली के लोग नहीं बोलते, यह ध्यान में रखें !
  • केरल में माकपा की ही सत्ता है इसलिए उनके पदाधिकारियों द्वारा पुलिस को धमकाने की घटना को आश्‍चर्यजनक नहीं कह सकते; क्योंकि माकपा का  इतिहास ही गुंडागर्दी और हिंसाचार है । यह भी सत्य है कि माकपा की ही सत्ता होने के कारण इन पदाधिकारियों पर पुलिस द्वारा कार्यवाही होना असंभव है !

कुमिली (इडुक्की, केरल) – राज्य के सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट दल के (‘माकपा’ के) नेताओं ने वंदीपेरियार पुलिस थाने के पुलिसवालों को मार डालने की धमकी दी है । इस प्रकरण में माकप के इडुक्की जिला सचिवालय के सदस्य आर. थिलकन, पिरमेदु के क्षेत्र सचिव जी. विजयानंद और रेनिल पर गैर जमानती अपराध प्रविष्ट किया गया है । स्वयं की गिरफ्तारी रोकने के लिए ये नेता फरार हो गए हैं । इन तीनों पर पहले साधारण अपराध प्रविष्ट किए गए थे; परंतु लोगों की मांग के पश्‍चात गैरजमानती अपराध प्रविष्ट किया गया है । वर्तमान में इन तीनों द्वारा केरल उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयत्न किया जा रहा है ।

१. २७ मई को यातायात बंदी का उल्लंघन करने के प्रकरण में पुलिस ने ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डी.वाय.एफ.आई.) नामक संगठन के सदस्यों का दोपहिया वाहन अपने नियंत्रण में लिया था । वाहन वापस करने की मांग करते हुए माकपा के नेता पुलिस थाने में पहुंचे । उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बाते करते समय शोरगुल किया तथा उन्हें सीधे धमकी दी कि ‘हम आपके घर में घुसकर आप पर आक्रमण करेंगे ।’ इसके पश्‍चात उक्त पुलिस अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी; परंतु तब भी माकपा के नेताओं के विरोध में कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

२. माकपा के नेताओं द्वारा पुलिस अधिकारियों को धमकाने का एक ‘वीडियो’ सामाजिक माध्यमों पर बडी मात्रा में प्रसारित हुआ तथा समाचार प्रणालों पर भी यह समाचार दिखाया गया है । उसके पश्‍चातर २९ मई को माकपा के उक्त नेताओं पर गैरजमानती अपराध प्रविष्ट किया गया है ।

३. अब पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि, पुलिस इन नेताओं को अग्रिम जमानत प्राप्त करवाने में सहायता कर रही है तथा उन्हें बंदी बनाने में विलंब कर रही है । (पुलिस यदि स्वयं के सहकारी पुलिसकर्मियों को धमकी देनेवाले आरोपियों का बंदी बनाने में टालमटोल कर रही हो, तो पीडित सामान्य लोगों के संबंध में उनका बर्ताव कैसा होगा ?, इसका विचार न करना ही अच्छा है ! गुंडों को बंदी बनाने में विलंब करनेवाले पुलिसवालों पर भी कार्यवाही करने के लिए लोगों को प्रयत्न करने चाहिए ! – संपादक)

४. माकपा के जिला सचिव के. जयचंद्रन बोले कि, ‘जिला समिति ने इस प्रकरण में सम्मिलित पदाधिकारियों को सबके सामने चेतावनी देने का निर्णय लिया है ।’ (पुलिसवालों को मार डालने की धमकी देनेवालों को केवल चेतावनी देकर छोड देनेवाले माकपावाले निरपराध हिन्दुत्वनिष्ठों को ‘आतंकवादी’ ठहराकर उन्हें फांसी देने की मांग करते हैं, यह ध्यान में रखें ! – संपादक)