
कोलकाता (बंगाल) – कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भारतीय जनता युवा मोर्चा को ‘बंगाली हिन्दू बचाओ’ मोर्चा निकालने की अनुमति दे दी है । यह मोर्चा १९ अप्रैल को नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भवानीपुर स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के घरों के सामने से प्रारंभ होगा ।
पीड़ितों के पुनर्वास की योजना तैयार करने का सरकार को आदेश!
मुर्शिदाबाद हिंसा पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई । अधिवक्ता प्रियांका तिब्रेवाल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पीड़ितों के पुनर्वास पर विशेष बल दिया है और राज्य सरकार को यह योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है कि पीड़ितों का पुनर्वास किस प्रकार किया जाएगा ? तब तक उनके भोजन और रहने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं । (ऐसा आदेश उच्च न्यायालय को क्यों देना पड़ता है? सरकार स्वयं यह क्यों नहीं करती? फिर सरकार नाम की यह व्यवस्था किसलिए है? – संपादक)
न्यायालय ने एक समिति गठित करने का भी आदेश दिया है । जिसमें राज्य और केंद्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य शामिल होंगे । वे पीड़ितों से वार्तालाप कर सभी शिकायतें अंकित करेंगे । फिलहाल केंद्रीय बलों को वहां नियुक्त रहने का आदेश दिया गया है ।
राज्यपाल ने मुर्शिदाबाद जाकर पीड़ितों से मिले
बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने हिंसा-ग्रस्त मुर्शिदाबाद जाकर वहाँ के पीड़ित हिन्दुओं से भेंट की । इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से यह दौरा स्थगित करने को कहा था; लेकिन बोस ने इसे अस्वीकार कर दिया । (अपने ही राज्य के पीड़ित हिन्दू नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ने वाली ममता बनर्जी को क्या बंगाली हिन्दू फिर से सत्ता में लाकर आत्मघात करेंगे? ऐसा प्रश्न उठता है! – संपादक)
मुर्शिदाबाद में वक्फ सुधार कानून के नाम पर मुसलमानों ने हिन्दुओं पर हमला कर उनके घरों को लूटा और जला दिया । इस हिंसा में ५०० से अधिक हिन्दू बेघर हो गए, जिन्होंने पलायन कर मालदा की एक स्कूल में शरण ली है ।