विदेशमंत्री डॉ. जयशंकर के वक्तव्य पर बांग्लादेश का उद्दाम उत्तर

ढाका (बांग्लादेश) – भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वक्तव्य किया था कि बांग्लादेश को भारत से किस प्रकार के संबंध चाहिए, यह निश्चित करना पडेगा । उसपर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश परामर्शदाता तौहीद हुसेन ने उद्दाम प्रत्युत्तर देते हुए कहा ‘इस संदर्भ में हमारा निर्णय सुस्पष्ट है । हमें भारत के साथ परस्पर आदर एवं हितसंबंध पर आधारित अच्छे कामकाज के संबंध चाहिए । भारत को बांग्लादेश से किस प्रकार के संबंध चाहिए, यह तय करना होगा ।’
१. हमारा ध्यान संबंध सुधार पर !
हुसेन ने आगे कहा ‘डॉ. जयशंकर ने वक्तव्य किया है कि बांग्लादेश सरकार के लोग भारत के विरुद्ध आलोचना कर रहे हैं । दोनों ओर से ऐसी आलोचनाएं की जा रही हैं । एक भारतीय मंत्री निरंतर वक्तव्य देते रहते हैं । इस प्रकार की आलोचनाएं होती रहेगी, ऐसा मानकर हम संबंध विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं । इस कारण चाहे कुछ भी आलोचनाएं होती रहे, फिर भी हमारा ध्यान केवल दोनों देशों के मध्य संबंध सुधारने पर है ।’
२. भूतपूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वक्तव्य आग में तेल डालने जैसा !
भूतपूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वक्तव्य का संदर्भ देते हुए तौहीद हुसेन ने कहा ‘भारत द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश की सरकार के विरुद्ध किए वक्तव्य दोनों देशों के मध्य संबंधों के लिए वास्तव में हानि पहुंचानेवाले हैं । बांग्लादेश को अपने प्रदेश में विद्यमान अस्थिरता का सामना करना पड रहा है । तथापि हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री का भाषण आग भडकाने का है, यह प्रमाणित हुआ है । यह सभी जानते हैं ।’
संपादकीय भूमिकाभारत की जान पर जीने वाले बांग्लादेश की सच्ची योग्यता दिखाने का साहस भारत कब करेगा ? |
(और इनकी सुनिए…) ‘भारत का बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय से कोई संबंध नहीं !’एक प्रश्न का उत्तर देते हुए हुसेन ने कहा ‘डॉ. जयशंकर ने पुनः एक बार बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हेतु वक्तव्य किया है । बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के समाचार देने हेतु भारतीय माध्यम उत्तरदायी हैं । भारत का बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों से कोई संबंध नहीं है । यह बांग्लादेश का अंतर्गत सूत्र है । भारत के अल्पसंख्यक समुदाय भारत के लिए चिंता का विषय है । इस सूत्र पर हम दोनों देशों को एकदूजे में हस्तक्षेप न करने की नीति स्वीकार करनी पडेगी । हम बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित समस्या पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं ।’ संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश में हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमण केवल देश का प्रश्न होने की अपेक्षा वह धर्म का प्रश्न है; क्योंकि उनपर हिन्दू हैं, इसलिए आक्रमण किए जाते हैं । भारत को दृढता से कहना होगा कि यदि विश्वभर में कहीं भी हिन्दुओं पर हिन्दू हैं, इसलिए आक्रमण होते होंगे, तो भारत उसके विरुद्ध आवाज उठाएगा ही । ! |