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लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – दहेज की मांग पूर्ण करना असंभव होने के कारण पत्नी को ‘एच्.आइ.वी.’ बाधित करने की आहत करनेवाली घटना राज्य के गंगोह से सामने आई है । पीडिता के चिकित्सीय ब्यौरे में ऐसा दिखाई दिया है कि उसे हठपूर्वक हानिकारक औषधि का सेवन करने पर विवश किया गया एवं ‘एच्.आइ.वी.’ बाधित सूई लगाने से उसे एड्स की बीमारी हुई । पीडिता के पिता के पुलिस अधीक्षक तक पहुंचने पर भी ससुराल के लोगों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट न हाेने के कारण अंत में उन्होंने न्यायालय में याचिका प्रविष्ट (दाखिल) की । इस पर न्यायालय ने पुलिस को पीडिता के ससुराल के लोगों पर अपराध प्रविष्ट करने का आदेश दिया । उनके विरुद्ध दहेज की मांग, मारपीट तथा पत्नी को एच्.आइ.वी बाधित करने को लेकर अपराध प्रविष्ट किया गया है ।
Woman injected with HIV-infected needle after failing to meet dowry demands!
📍 Lucknow (Lakshmanpuri, UP)
⚠️ Police delayed filing a case, brushing it off as a “family matter”!
Case registered after Court intervention
📌 Despite the Dowry Prohibition Act, such cruel… pic.twitter.com/RRgfF0ES6W
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 16, 2025
पीडिता के पिता द्वारा की गई शिकायत के गंभीर सूत्र !
१. पीडिता का अभिषेक नामक युवक से १५ फरवरी २०२३ को उत्तराखंड के हरिद्वार में विवाह हुआ ।
२. वधू के परिवार ने दहेज के रूप में पूरी ४२ लाख रुपयों की वस्तुएं दी थीं । तब भी ससुराल के लोगों का समाधान नहीं हुआ एवं उन्होंने अतिरिक्त २५ लाख रुपये तथा एक बडी चौपहिया देने का आग्रह किया ।
३. बीच की अवधि में उसे ३ बार घर भेजा एवं प्रत्येक बार ‘पंचायत’ की (पितातुल्य लोगों की) सहायता से पुन: ससुराल में रहने को भेजा गया ।
४. ससुराल के परिवार का नाम खराब करने पर एवं दहेज की मांग पूर्ण न करने से उस पर व्यंग्य कसे गए तथा उसे मानसिक प्रताडना दी गई ।
५. मई २०२४ में अभिषेक तथा उसकी बहन ने उसे हानिकारक औषधि दी तथा ‘एच्.आइ.वी’ बाधित सूई भी लगाई । इसलिए उसके अंतर्गत अवयवों की हानि हुई । उसे घर में ही छिपा कर रखा गया था ।
६. अवसर पाते ही पीडिता ने घर से भागकर मायके वापस आई ।
७. पीडिता के पिता ने स्थानीय पुलिस से लेकर सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तक सब से कार्यवाई करने की विनती की । तब भी इसे ‘पारिवारिक सूत्र’ बताकर सभी अधिकारियों ने उन्हें कोई प्रतिसाद नहीं दिया ।
८. आखिर में पीडिता के पिता ने स्थानीय न्यायालय में कानूनन हस्तक्षेप के लिए याचिका की । ६ फरवरी को न्यायालय ने गंगोह कोतवाली पुलिसकर्मियों को अभिषेक तथा उसके परिवारजन तथा अन्यों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट करने के आदेश दिए ।
संपादकीय भूमिका
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