Shahbaz Sharif On Terrorism : पाकिस्तान में पिछली सरकारों ने आतंकवादियों को आश्रय दिया !

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एक सार्वजनिक सभा में मान्य किया

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ

इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाकिस्तान को जिहादी आतंकवाद की फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है; लेकिन उन्होंने कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया । अब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इसकी स्वीकृति दी है । एक जनसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की पिछली सरकारें देश में आतंकवाद लेकर आईं ।

प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि वर्ष २०१८ तक पाकिस्तान से आतंकवाद पूर्णरूप से समाप्त हो गया होता । आतंकवाद के कारण ८०,००० पाकिस्तानी हुतात्मा हुए । आतंकवाद ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अपूर्णीय क्षति पहुंचाई है । पाकिस्तानी सैनिकों के बलिदान के बाद आतंकवाद पूर्णरूप से नष्ट हो गया । दुर्भाग्यवश, कुछ वर्ष पहले, एक सरकार (इमरान खान) ने उन्हें पुन: पाकिस्तान लौटने की अनुमति दे दी और कहा कि वे ‘शांति के दूत’ हैं । पाकिस्तान के साथ इससे बड़ी कोई दुश्मनी नहीं हो सकती । (वास्तव में, इमरान खान ने ही सबसे पहले स्वीकार किया था कि पाकिस्तान में जिहादी आतंकवाद को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है । अफगान समस्या में सहायता के लिए अमेरिका से पैसे लेकर आतंकवादियों को पोषित किया गया । दूसरी ओर, इसी पैसे से भारत के विरोध में आतंकवादी गतिविधियां आरंभ की गईं । शरीफ इस विषय पर कुछ क्यों नहीं कहते हैं ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • केवल पिछली सरकारें ही नहीं, अपितु सभी तथा वर्तमान सरकार भी आतंकवादियों को आश्रय ही नहीं दे रही हैं, अपितु उनकी निर्मिति कर रही हैं । यह कहकर कि केवल आश्रय दिया है अर्धसत्य बताया जा रहा है !
  • शरीफ को लगता है कि यह एक चूक (गलती) थी, तो वह अब इस आतंकवाद को नष्ट क्यों नहीं कर देते ? वे इसके लिए भारत से सहायता क्यों नहीं मांगते ? मूलतः यह बात ध्यान देने योग्य है कि चाहे शरीफ हों अथवा कोई अन्य पाकिस्तानी शासक, वे आतंकवाद पर कोई कार्रवाई किए बिना केवल मगरमच्छ के आंसू ही बहाएंगे !