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वॉशिंगटन (अमेरिका) – “अगर हमारे नागरिक यहां (अमेरिका में) अवैध रूप से रह रहे हैं और यह सुनिश्चित हो गया है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो हम उन्हें वापस लेने के लिए हमेशा तैयार हैं,” यह बात भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही । अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकालने की घोषणा की । वर्तमान में अमेरिका में १८ हजार भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं, ऐसा कहा जा रहा है । इस मुद्दे पर विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने भारत का रुख स्पष्ट किया । डॉ. जयशंकर ने इस विषय पर अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से भी चर्चा की । डॉ. जयशंकर ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिका आए थे । उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र भी ट्रंप को सौंपा ।
‘Ready to take back the 18,000 Indians living illegally in the United States.’ – External Affairs Minister Dr. S. Jaishankar.
The U.S. deports those living illegally in its country, on the contrary, India legitimises illegal occupants such as the Bangladeshi infiltrators and… pic.twitter.com/MO7AaJk8YM
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 23, 2025
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत अवैध प्रवास का कड़ा विरोध करता है । यह देशों की छवि के लिए सही नहीं है ।
बांग्लादेश पर चर्चा
डॉ. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वॉल्ट्ज के साथ बांग्लादेश के मुद्दे पर संक्षेप में चर्चा की । साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए आक्रमणों पर कोई चर्चा नहीं हुई । उन्होंने कहा, “मैंने इस विषय को इस बार नहीं उठाया; लेकिन सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हुआ आक्रमण एक अति गंभीर घटना है । इस घटना से संबंधित लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए, यही हमारी अपेक्षा है ।”
संपादकीय भूमिकाअमेरिका अपने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निकालता है, जबकि भारत राजनीतिक स्वार्थ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या को सभी प्रकार के दस्तावेज, नौकरी, व्यवसाय और घर उपलब्ध कराता है । इतना ही नहीं, उन्हें अपराध करने की भी छूट देता है ! |