महाकुंभ नगरी में आरंभ होंगे सैकडों यज्ञ !

प्रयागराज, १२ जनवरी (वार्ता) – महाकुंभ नगरी प्रयागराज में १३ जनवरी को कुंभ स्नान और १४ जनवरी को पहला राजसी (शाही) स्नान होगा। महाकुंभ मेले में स्नान के साथ-साथ यज्ञ, साधना, अनुष्ठान का भी विशेष महत्व है। यहां अखाडावासियों, संप्रदायों और संतों द्वारा सैकड़ों यज्ञ आयोजित किए गए हैं। वर्तमान में संतों के बडे तंबुओं में प्रवचन और कथा वाचन जैसे कार्यक्रम आरंभ हो चुके हैं। १३ जनवरी से यज्ञ और हवन का शुभारंभ होगा।
महत्वपूर्ण यज्ञों में पंचायती निरंजनी अखाड़े का बगलामुखी यज्ञ, तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिविर में आयोजित यज्ञ, संत बालकदास महाराज, स्वामी महेशानंद गिरि, शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी आदि द्वारा आयोजित विभिन्न यज्ञ सम्मिलित हैं। बांस और लकडी का उपयोग करके अस्थायी रूप से विशाल यज्ञ मंडप बनाए गए हैं। हवनीय सामग्री की आहुति और मंत्रोच्चार से कुंभ क्षेत्र का पवित्र वातावरण चैतन्य से परिपूर्ण होगा। श्रद्धालु कुंभ क्षेत्र में इन भव्य यज्ञों का आध्यात्मिक लाभ ले सकेंगे। इन यज्ञों से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ पर्यावरण की शुद्धि भी होगी।
पाक अधिकृत कश्मीर की मुक्ति के लिए यज्ञ

पाक अधिकृत कश्मीर की मुक्ति के लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज २५१ यज्ञकुंडों में ३०० आचार्यों के माध्यम से आहुति देंगे। इस समय वे पाक अधिकृत कश्मीर की शीघ्र मुक्ति के लिए संकल्प और प्रार्थना करेंगे। यह यज्ञ १३ फरवरी तक चलेगा।
बगलामुखी महायज्ञ
१३ जनवरी को प्रातः ५:३० बजे ‘मा बगलामुखी महायज्ञ’ की पूजा पंचायती श्री निरंजनी अखाडें में होगी। यह महायज्ञ १,००८ घंटे तक चलेगा और २६ फरवरी तक संपन्न होगा।
सैनिक शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए यज्ञ
महाकुंभ में पहली बार सैनिक शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। ‘अति विष्णु महायज्ञ सेवा समिति’ की ओर से संत रामबालकदास महाराज के मार्गदर्शन में यह यज्ञ आयोजित किया जाएगा। इस यज्ञ के लिए १०८ यज्ञकुंड स्थापित किए गए हैं। यज्ञ समिति ने सेना के ७०० परिवारों को इस यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया है। हरिश्चंद्र मार्ग पर इस यज्ञ का आयोजन किया गया है।
गोरक्षा के लिए यज्ञ

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिविर में गोरक्षा के लिए ३२४ कुंडों की यज्ञशाला बनाई गई है। यह महाकुंभ की सबसे बड़ी यज्ञशाला है। यज्ञशाला के मध्य में 9 मंजिला बांस और लकड़ी की संरचना बनाई गई है, जो नवदुर्गा से संबंधित है।
१११ कुंडीय अति रुद्र महायज्ञ
स्वामी महेशानंद गिरि के मार्गदर्शन में १५१ आचार्य १११ कुंडीय अति रुद्र महायज्ञ २१ से २८ फरवरी के बीच करेंगे। यह आयोजन सोमेश्वर धाम नवचंडी आश्रम के शिविर में किया गया है।
विश्व कल्याण के लिए महायज्ञ
१४ जनवरी से १२ फरवरी के बीच १०८ कुंडों के यज्ञ में १,१०० आचार्य विश्व शांति के लिए आहुति देंगे। यह आयोजन श्री राम लोचन स्वरूप ब्रह्मचारी बाबा लिलौटीनाथ के शिविर में किया गया है।