पु. (अधिवक्ता) रवींद्र घोष का आरोप
कोलकाता (बंगाल) – बांग्लादेश के इस्कॉन सदस्य चिन्मय प्रभु को कथित राजद्रोह के आरोप में बंदी बनाया गया है । विभिन्न कारणों से उन्हें जमानत देने से इनकार किया जा रहा है । इस संबंध में उनके वकील पू. रवींद्र घोष ने आरोप लगाया है कि चिन्मय प्रभु पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं ।
🚨 The Interim Government of Bangladesh Does Not Want to Release Chinmoy Prabhu! – Allegation by Advocate Rabindra Ghosh, Advocate for Chinmoy Prabhu
Pujya Ghosh vows, “I will go to Bangladesh and fight for the oppressed. My battle for Chinmoy Prabhu continues!”
He also… pic.twitter.com/DxZ3Dqw3w9
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 28, 2024
पुलिस और सरकार चाहती है कि चिन्मय प्रभु जेल से शीघ्र रिहा न हों ; लेकिन हम उन्हें बाहर निकालने का पूरा प्रयास कर रहे हैं ।
पू. घोष वर्तमान में बराकपुर, बांग्लादेश में रहते हैं । वे उपचार के लिए भारत आए हैं । कोलकाता में उन्होंने इस्कॉन मंदिर का दौरा किया और इस्कॉन कोलकाता के अध्यक्ष राधारमण दास से मिले ।
मैं बांग्लादेश जाऊंगा और अन्याय सहने वालों के लिये लड़ूंगा !
पू. रवींद्र घोष बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के वकील और ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष हैं । कोलकाता में इस्कॉन मंदिर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पू. घोष ने कहा, मैं बांग्लादेश वापस जाऊंगा और वहां पीड़ित लोगों के लिए लड़ूंगा ।
मैं चिन्मय प्रभु की लडाई लडता रहूंगा !
पू. घोष ने दावा किया कि उन्होंने चटगांव सत्र न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत पाने का प्रयास किया था; लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं थी । अब इस प्रकरण की सुनवाई २ जनवरी २०२५ को होगी । अगर मेरी सेहत ठीक रही तो मैं सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित रहूंगा । यदि मैं ऐसा नहीं कर सका तो किसी अच्छे वकील की व्यवस्था करूंगा । मैं उनकी लड़ाई लड़ता रहूंगा ।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर आक्रमणों की ६ हजार ६५० घटनाएं
पू. घोष ने कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की स्थापना के बाद से अल्पसंख्यकों पर आक्रमण की ६ हजार ६५० घटनाएं हुई हैं । मैं एक वकील हूं और मेरा राजनीति से कोई संबंध नहीं है । कानून के समक्ष सभी को समान होना चाहिए ।
संपादकीय भूमिकापू. ( अधिवक्ता ) घोष का आरोप अनुचित है ऐसा बांग्लादेश सरकार के अब तक के रुख से लगता नहीं है । वहां के कई हिन्दू नेताओं ने भी सरकार, पुलिस और सेना के हिन्दू विरोधी रुख के बारे में ‘सनातन प्रभात’ को बार-बार अवगत कराया है । चूंकि सरकार हिन्दू विरोधी है, इसलिए जेल में ही प्रभु के साथ कुछ बुरा हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! उससे पहले वैश्विक स्तर पर इस अंतिरिम सरकार से छुटकारा पाने का प्रयास आवश्यक है ! |