Chinmoy Das Targeted by Yunus Govt : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चिन्मय प्रभु को रिहा नहीं करना चाहती ! – पु. (अधिवक्ता) रवींद्र घोष

पु. (अधिवक्ता) रवींद्र घोष का आरोप

पु. (अधिवक्ता) रवींद्र घोष  (बाएं) और बांग्लादेश के इस्कॉन सदस्य चिन्मय प्रभु (दाएं)

कोलकाता (बंगाल) – बांग्लादेश के इस्कॉन सदस्य चिन्मय प्रभु को कथित राजद्रोह के आरोप में बंदी बनाया गया है । विभिन्न कारणों से उन्हें जमानत देने से इनकार किया जा रहा है । इस संबंध में उनके वकील पू. रवींद्र घोष ने आरोप लगाया है कि चिन्मय प्रभु पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं ।

पुलिस और सरकार चाहती है कि चिन्मय प्रभु जेल से शीघ्र रिहा न हों ; लेकिन हम उन्हें बाहर निकालने का पूरा प्रयास कर रहे हैं ।

पू. (अधिवक्ता) रवींद्र घोष और इस्कॉन कोलकाता के अध्यक्ष राधारमण दास

पू. घोष वर्तमान में बराकपुर, बांग्लादेश में रहते हैं । वे उपचार के लिए भारत आए हैं । कोलकाता में उन्होंने इस्कॉन मंदिर का दौरा किया और इस्कॉन कोलकाता के अध्यक्ष राधारमण दास से मिले ।

मैं बांग्लादेश जाऊंगा और अन्याय सहने वालों के लिये लड़ूंगा !

पू. रवींद्र घोष बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के वकील और ‘बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच’ के अध्यक्ष हैं । कोलकाता में इस्कॉन मंदिर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पू. घोष ने कहा, मैं बांग्लादेश वापस जाऊंगा और वहां पीड़ित लोगों के लिए लड़ूंगा ।

मैं चिन्मय प्रभु की लडाई लडता रहूंगा !

पू. घोष ने दावा किया कि उन्होंने चटगांव सत्र न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत पाने का प्रयास किया था; लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं थी । अब इस प्रकरण की सुनवाई २ जनवरी २०२५ को होगी । अगर मेरी सेहत ठीक रही तो मैं सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित रहूंगा । यदि मैं ऐसा नहीं कर सका तो किसी अच्छे वकील की व्यवस्था करूंगा । मैं उनकी लड़ाई लड़ता रहूंगा ।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर आक्रमणों की ६ हजार ६५० घटनाएं

पू. घोष ने कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की स्थापना के बाद से अल्पसंख्यकों पर आक्रमण की ६ हजार ६५० घटनाएं हुई हैं । मैं एक वकील हूं और मेरा राजनीति से कोई संबंध नहीं है । कानून के समक्ष सभी को समान होना चाहिए ।

संपादकीय भूमिका 

पू. ( अधिवक्ता ) घोष का आरोप अनुचित है ऐसा बांग्लादेश सरकार के अब तक के रुख से लगता नहीं है । वहां के कई हिन्दू नेताओं ने भी सरकार, पुलिस और सेना के हिन्दू विरोधी रुख के बारे में ‘सनातन प्रभात’ को बार-बार अवगत कराया है । चूंकि सरकार हिन्दू विरोधी है, इसलिए जेल में ही प्रभु के साथ कुछ बुरा हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए ! उससे पहले वैश्विक स्तर पर इस अंतिरिम सरकार से छुटकारा पाने का प्रयास आवश्यक है !