केरल उच्च न्यायालय ने केरल के त्रावणकोर देवस्वम् बोर्ड को फटकारा !
थिरूवनंतपूरम (केरल) – केरल उच्च न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वम् बोर्ड को तीखे शब्दों में फटकारते हुए कहा ‘केरल सरकार एवं त्रावणकोर देवस्वम् बोर्ड (टीडीबी) का अभिनंदन करनेवाले फ्लेक्स फलक मंदिरों में लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती । आप (टीडीबी) मंदिरों के मालिक हैं, ऐसा मत समझना । मंडल, न्यासी होता है, जो केवल मंदिरों का प्रबंध करता है । मुख्यमंत्री, विधायक अथवा टीडीबी सदस्यों का का चेहरा देखे बिना ही श्रद्धालु (भगवान के) दर्शन लेते हैं ।’
Kerala High Court: Do not consider yourself the owner of temples! – Kerala High Court reprimands the Travancore Devaswom Board
Due to the government control of temples, the state of temple committees under government administration has become like this. Hence, Hindus must now… pic.twitter.com/aRd8fLUu8e
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) December 10, 2024
१. न्यायमूर्ति अनिल नरेंद्रन एवं न्यायमूर्ति मुरली कृष्ण के खंडपीठ ने स्वयं प्रविष्ट की हुई याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उपरोक्त तीखे शब्दों में फटकारा । अलप्पुला जिले के चेरथला के निकट थुरावूर महाक्षेत्रम मंदिर में फ्लेक्स फलक लगाए गए थे, तब शिकायत प्रविष्ट की गई थी । न्यायालय ने इस प्रकरण की सुनवाई करना आरंभ किया है ।
२. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन्, राज्य के देवस्वम् मंत्री वी.एन. वासवन, टीडीबी के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक, इनके छायाचित्र के फ्लेक्स फलक वर्तमान में चालू मंडलकला-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा के संदर्भ में लगाए गए थे । खंडपीठ ने इसपर अप्रसन्नता व्यक्त की एवं ‘ऐसे फलकों को अनुमति नहीं दी जा सकती’, ऐसा कहा है ।
३. न्यायालय ने टीडीबी एवं इस प्रकरण से संबंधित अन्य अधिकारियों से उत्तर मांगा है । साथ ही टीडीबी द्वारा यात्रा-विश्रांति के बाकी के स्थानों की एवं सभी मंदिरों में लगाए गए फ्लेक्स फलकों की जानकारी मांगी है ।
भक्तों द्वारा मिलनेवाले पैसों से बोर्ड को फलक नहीं लगाने चाहिए !
न्यायालय ने निर्देश देते हुए कहा ‘थुरावूर मंदिर शबरीमला यात्रा के दरमियान विश्रांति का स्थान है । इस कारण तीर्थयात्रा की समयावधि में भक्तों को सुविधाओं की आपूर्ति करना, यह टीडीबी का दायित्व है । वहां फ्लेक्स फलक लगाना, मंदिर के परामर्श समिति का दायित्व नहीं है तथा भक्तों से प्राप्त धन इस काम के लिए उपयोग न करें ।’
संपादकीय भूमिकामंदिर सरकारीकरण के कारण वर्तमान में सरकार की मंदिर समितियों की ऐसी स्थिति हुई है । इस कारण अब हिन्दुओं को संगठित होकर सरकार पर दबाव बना कर मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने हेतु प्रयास करने चाहिए ! |