माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने भारत को ‘प्रयोगशाला’ कहा !

लोगों का आक्रोश

माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स

 नई दिल्ली – माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स एक नए विवाद में फंस गए हैं । ‘लिंक्डइन’ के सह-संस्थापक रीड हॉफमैन के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने भारत को एक ‘प्रयोगशाला’ बताया । बिल गेट्स का यह वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित होने के पश्चात कई लोगों ने नाराजगी व्यक्त की । लोगों ने भारत को ‘प्रयोगशाला’ कहे जाने पर कडी असहमति जताई है ।

१. बिल गेट्स ने कहा कि भारत उन देशों के लिए एक उदाहरण है, जहां कई समस्याएं हैं; लेकिन इसके बावजूद यह देश स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है । इन समस्याओं के बावजूद भी भारत सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिल रहा है । भारत एक प्रयोगशाला की तरह है, जहां आप अलग-अलग प्रयोगों पर काम कर सकते हैं और जब ये प्रयोग सफल हो जाएं तो इन्हें दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है ।

२. साल २००९ में बिल गेट्स के बयान के पश्चात भारत में ‘बिल गेट्स फाउंडेशन’ द्वारा किए गए वैक्सीन ट्रायल को लेकर चर्चा शुरू हो गई है ।

३. वर्ष २००९ में, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से एक गैर सरकारी संगठन ‘पाथ’ द्वारा भारत में डिम्बग्रंथि कैंसर के टीके का परीक्षण किया गया था । पाथ को गेट्स फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया गया था ।

४. इस परीक्षण के दौरान तेलंगाना और गुजरात की लगभग १४ सहस्र आदिवासी स्कूली छात्राओं को टीका लगाया गया; लेकिन वैक्सीन दिए जाने के कुछ महीनों पश्चात छात्राओं में गम्भीर दुष्प्रभाव देखने को मिले और ७ की तो मृत्यु भी हो गई थी ।

संपादकीय भूमिका

जिस प्रकार प्रयोगशाला में कुछ प्रयोग सफल होते हैं, वहीं अन्य असफल होते हैं, साथ ही पश्चिमी देश और उनके प्रतिष्ठान अपने नए उत्पादों का परीक्षण करने के लिए भारतीयों का उपयोग करके उनके जीवन को जोखिम में डालते हैं । गेट्स का यह कथन पश्चिम के हीन रवैये को दर्शाता है । इस मनोवृत्ति को नष्ट करने के लिए भारत को सभी क्षेत्रों में महाशक्ति बनने में सक्षम होना होगा !