गाजियाबाद में श्री डासनादेवी मंदिर पर हमला करने के लिए हजारों मुसलमानों को उकसाने का आरोप
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) – ४ अक्टूबर की रात हजारों मुसलमान यहां श्री डासनादेवी मंदिर के बाहर एकत्र हुए । मंदिर के महंत यति नरसिम्हानंद द्वारा मुहम्मद पैगंबर के बारे में दिए गए कथित आपत्तिजनक बयानों के विरोध में मुस्लिम मंदिर के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने मंदिर में घुसने की भी कोशिश की । इस समय ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए जा रहे थे। उस समय पुलिस ने लाठियां मारकर उन्हें तितर-बितर कर दिया। प्रारंभिक जानकारी मिलने के बाद कि यहां बड़ी संख्या में मुसलमानों को इकट्ठा करने के पीछे ‘अल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर का हाथ था, पुलिस ने उनके विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। हिन्दू संगठनों ने मांग की है कि ‘जुबैर और अन्य मुसलमानों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए ।’ ऐसा न होने पर १३ अक्टूबर को महापंचायत करने का ऐलान किया गया है ।
१. इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी और पीड़ित भाजपा नेता डाॅ. उदिता त्यागी ने पुलिस में शिकायत प्रविष्ट की है ।
२. इसमें उन्होंने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर से कहा, ‘डासना मंदिर पर हमला एक सोचा-समझा षड्यंत्र था । इस हमले के लिए मुहम्मद जुबैर, असदुद्दीन ओवैसी और अरशद मदनी ने मुसलमानों को उकसाया । इस हमले में बाहर से आए मुसलमानों का हाथ होने की बात सामने आई है ।
३. इस हिंसा के पीछे यति नरसिंहानंद गिरि की हत्या का षड्यंत्र था, ऐसा गंभीर आरोप उदिता त्यागी ने किया है । इस शिकायत पर मंदिर में उपस्थित हिन्दू समुदाय के १२ से ज्यादा लोगों के हस्ताक्षर हैं । हमले के समय ये लोग डासना मंदिर में उपस्थित थे ।
४. डॉ उदिता त्यागी ने पुलिस कमिश्नर को एक और शिकायत दी है । इसमें कहा गया कि जुबैर ने १० हिंदुत्वनिष्ठों की सूची बनाई थी, जो कट्टरपंथियों के निशाने पर थे। इसमें उनका नाम भी शामिल है । शिकायत में कहा गया है कि अगर जुबैर को जेल नहीं भेजा गया ,तो कई हिन्दुओं की जान खतरे में पड़ जाएगी ।
संपादकीय भूमिकामोहम्मद ज़ुबैर को पहले भी हिन्दुओं के विरुद्ध कार्यवाही के लिए बंदी बनाया गया था। इससे उनकी जिहादी मानसिकता का पता चलता है! पुलिस और सरकार को ऐसे लोगों को सदा के लिए जेल में बंदी बनाने का प्रयास करना चाहिए ! |