पैरालिम्पिक्स में ईरान के खिलाडी ने काला झंडा फहराते हुए गला काटने के संकेत किया !

आयोजकों ने अयोग्य घोषित किया; भारत को स्वर्ण पदक मिला

पेरिस – पैरा एथलीट नवदीप सिंह ने पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की भाला फेंक एफ ४१ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। उन्होंने ४७.३२ मीटर की दूरी पार कर फ्रांस की राजधानी में भारत का सातवां स्वर्ण पदक पक्का किया। इस प्रतियोगिता में नवदीप सिंह ने दूसरा स्थान प्राप्त कर रजत पदक जीता था, और ईरान के सदेघ बाईत सयाह ने ४७.६५ मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता था; लेकिन उन्होंने प्रतियोगिता के समय विवादास्पद रूप से झंडे का प्रदर्शन करते हुए गला काटने के संकेत (इशारा) किए, जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस कारण से नवदीप सिंह के रजत पदक को स्वर्ण पदक में परिवर्तित कर दिया गया।

(बाएंसे) पैरा एथलीट नवदीप सिंह और विवादास्पद रूप से झंडे का प्रदर्शन करते हुए गला काटने के संकेत देते हुए ईरान का खिलाडी

अपने देश के ध्वज के अलावा किसी भी विशेष चिन्ह वाले झंडे को फहराने पर प्रतिबंध !

वास्तव में सदेघ सयाह ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद अरबी भाषा में लिखा हुआ काला ध्वज निकाला तथा उसे फहराया। पैरा एथलेटिक्स में, खिलाड़ी को अपने देश के ध्वज के अलावा किसी अन्य विशेष चिन्ह वाले ध्वज को प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है। कुछ लोग इस ध्वज को आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ का झंडा भी कह रहे हैं। इस अनुचित व्यवहार के कारण उन्हें स्वर्ण पदक गंवाना पड़ा।

संपादकीय भूमिका 

खेल, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि किसी भी क्षेत्र में कट्टरपंथियों की प्राथमिकता जिहाद ही होती है, यह इससे स्पष्ट होता है! वास्तव में, आयोजकों को ऐसे लोगों पर आजीवन खेल से प्रतिबंध लगा देना चाहिए !