चंडीगढ – भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेंद्र प्रसाद ने जताया था खेद । संविधान को अपनाए हुए ७५ वर्ष हो गए हैं, लेकिन अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है । आज भी कैबिनेट मंत्री बनने के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है । पंजाब एवं हरियाणा न्यायालय ने इस बात पर खेद प्रकट किया कि हमारे देश में कोई भी व्यक्ति सांसद अथवा विधायक बन सकता है.
१. बीजेपी नेता तथा पूर्व विधानसभा सदस्य राव नरबीर सिंह पर नामांकन फॉर्म में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अनुचित जानकारी देने का आरोप लगा था । न्यायालय ने उनके विरुद्ध आपराधिक शिकायत अस्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की ।
२. न्यायाधीश सिंधु ने कहा, ”२००५ तथा २०१४ में भरतना सिंह के पास डिग्री सर्टिफिकेट था । यह दोहराने की आवश्यकता नहीं है कि आज तक हमारे देश में विधायक अथवा सांसद का चुनाव लड़ने के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है ।
क्या है घटना ?
वर्ष २००५ में हरिंदर ढींगरा ने तत्कालीन बीजेपी विधायक नरबीर सिंह के विरुद्ध न्यायालय में निजी शिकायत प्रविष्ट कराई थी । सिंह पर आरोप लगाया था कि उनके चुनावी प्रतिज्ञापत्र में उल्लिखित डिग्री विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त किसी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान नहीं की गई थी । शिकायत को प्रारंभिक चरण में यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया गया कि ‘सिंह के पास डिग्री प्रमाणपत्र है तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मान्यता उनके नियंत्रण में नहीं है ।’ ढींगरा ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका प्रविष्ट की । न्यायाधीश महाबीर सिंह सिंधु ने जिला न्यायालय के निर्णय को योग्य ठहराया ।