महिलाओं के आरक्षण भी रहित करने की मांग
ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के महाविद्यालय में छात्रों को राजनीति में प्रवेश करने की प्रक्रिया पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है । साथ ही कोई भी शिक्षक अथवा छात्र किसी दल की स्थापना नहीं कर सकता । यदि वे राजनीति में सहभागी होते हैं, तो उन्हें कठोर कानून का सामना करना पडेगा, ऐसा भी इस प्रस्ताव में कहा गया है । शेख हसीना के पदत्याग एवं पलायन के उपरांत भूतपूर्व सैन्याधिकारियों ने संविधान एवं सरकार प्रणाली में बडे परिवर्तनों का प्रस्ताव दिया है । इसमें उपरोक्त सूत्र समाहित हैं । साथ ही संसद का कार्यकाल ५ वर्षों से ४ अथवा ६ वर्ष करने के लिए भी कहा गया है ।
Bangladesh To Ban Students from Politics : Proposal to ban the entry of students into politics in Bangladesh
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— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 1, 2024
भूतपूर्व मेजर जनरल मोहम्मद महबूब अल्-आलम के नेतृत्व में समिति ने प्रस्ताव दिया है । इसमें आगे कहा गया है, ‘बांग्लादेश को सबसे मित्रता, किसी से भी शत्रुता नहीं, ऐसी नीति छोडनी पडेगी । देश को सशक्त एवं गतिशील विदेश नीति स्वीकार करनी होगी । साथ ही देश के हित के लिए मित्रता का हाथ आगे बढ़ाना होगा । संसद में महिलाओं को मिल रहे आरक्षण रहित कर संसद में स्थान बढाए जाएं । वर्तमान में ३५० स्थान हैं एवं उनमें वृद्धि कर ५०० करने होंगे । संसद में महिलाओं के लिए आरक्षित ४५ स्थान भी रहित किए जाएं । स्थानीय चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षित ३३ प्रतिशत स्थान भी रहित करने होंगे । मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति की नियुक्ति कानून मंत्रालय की अपेक्षा स्वतंत्र चयन समिति करे । सभी नयायाधीशों को नियुक्ति के पूर्व उनकी धन-संपत्ति एवं आर्थिक विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है ।’