प्रधानमंत्री मोदी के विरोधियों से क्यों मिलते हैं अमेरिकी राजनयिक ?

  • अमेरिका की कूटनीति या भारत विरोधी षड्यंत्र ?

  • भारत के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर वी. महालिंगम ने उठाया प्रश्न !

अमेरिकी मंत्री ने की उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर भेंट

नई दिल्ली- सोशल मीडिया पर अमेरिकी राजनयिकों की मोदी सरकार के विरोधियों से भेंट की चर्चा हो रही है। सेवानिवृत्त सेना ब्रिगेडियर वी. महालिंगम ने अमेरिकी राजनयिक अधिकारियों की विपक्षी दलों के नेताओं से भेंट पर सवाल उठाए है। क्या इसके पीछे कोई षडयंत्र है ? उन्होंने यह भी पूछा है।

अमेरिकी मंत्री ने उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर भेंट की, तथा महावाणिज्य दूत ने भाग्यनगर में औवेसी से भेंट की !

अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने भाग्यनगर में एम.आई.एम. के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी से भेंट की थी

सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर वी. महालिंगम ने एक्स पर प्रसारित एक पोस्ट में कहा कि २६ अगस्त को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से अमेरिकी मंत्री ग्राहम मेयर, सचिव ग्यारी पलगार्थ तथा राजनीतिक सलाहकार अभिराम ने श्रीनगर में गुपकार के आवास पर भेंट की थी। बताया जाता है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने अमेरिकी राजनयिकों से जम्मू-कश्मीर के लिए अमेरिका द्वारा जारी की गई यात्रा-बचाव सलाह (कृपया अंग्रेजी बताए या शुद्ध करें ) को वापस लेने के लिए कहा है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर तथा क्षेत्र से जुड़े कई विषयों पर भी चर्चा हुई! अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने इस माह के आरंभ में भाग्यनगर में एम.आई.एम. के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी से भेंट की थी। अमेरिकी राजनयिक श्रीनगर तथा भाग्यनगर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में विपक्षी नेताओं से क्यों मिल रहे हैं ? क्या इसके पीछे कोई गुप्त उद्देश्य है ?, ऐसा प्रश्न स्वाभाविक है ।

भारत के सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर वी. महालिंगम

संपादकीय भूमिका 

बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए अमेरिका, चीन जैसे भारत विरोधी देश , भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसे देखते हुए अमेरिका के मंत्री तथा राजनयिक विपक्ष के नेताओं से किस उद्देश्य से मिल रहे हैं ? इस की जांच करने की मांग देश की जनता को सरकार से करनी चाहीये !