प्रधानमंत्री मोदी ने वारसॉ (पोलैंड) के कोल्हापुर स्मारक को दी भेंट !
वारसॉ (पोलैंड) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में पोलैंड यात्रा पर हैं । उन्होंने पालैंड की राजधानी वारसॉ में स्थित कोल्हापुर स्मारक को भेंट दी । मोदी ने ‘एक्स’ पर मराठी भाषा में पोस्ट करते हुए कहा, ‘आज मैंने वारसॉ के कोल्हापुर स्मारक पर जाकर वहां श्रद्धांजली अर्पित की । यह स्मारक कोल्हापुर के महान राजघराने को दी मानवंदना है । दूसरे महायुद्ध के समय विस्थापित पोलिश महिलाओं और बच्चों को आश्रय देने में कोल्हापुर का राजघराना आगे था । छत्रपती शिवाजी महाराज के आदर्शों से प्रेरित होकर कोल्हापुर के इस महान राजघराने ने मानवता को हर प्रकार से प्रधानता देते हुए पोलिश महिला और बच्चे सम्मानपूर्वक जी पाएं, इसका ध्यान रखा । करुणा की यह भावना अनेक पिढियों को प्रेरणा देती रहेगी ।’
Paid homage at the Kolhapur Memorial in Warsaw. This Memorial is a tribute to the great Royal Family of Kolhapur. This Royal Family was at the forefront of giving shelter to Polish women and children displaced due to the horrors of World War II. Inspired by the ideals of… pic.twitter.com/Nhb9flvqmH
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2024
मराठी संस्कृति में मानवधर्म और आचरण को सर्वाधिक प्रधान्ता !
प्रधानमंत्री मोदी ने वारसॉ के भारतीय नागरिकों को प्रारंभ में मराठी में संबोधित किया । उन्होंने कहा कि वारसॉ का कोल्हापुर स्मारक महाराष्ट्र के नागरिक तथा मराठी संस्कृति के प्रति पोलैंड के नागरिकों ने व्यक्त किया सम्मान है । मराठी संस्कृति में मानवधर्म और आचरण को सर्वाधिक प्रधानता दी है । छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रेरणा से कोल्हापुर के इस राजघराने ने पोलैंड की महिलाओं तथा बच्चों को आश्रय दिया था । उनके लिए कोल्हापुर के वळिवडे गांव में एक बडी बस्ती बनाई थी । पोलिश महिला और बच्चों को कोई कष्ट न हो, इस हेतु महाराष्ट्र के लोगों ने दिनरात काम किया । महाराष्ट्र की इसी सहायता को पोलैंड ने वंदन किया है ।
क्या है कहानी ?
दूसरे महायुद्ध के समय अनेक पोलैंडवासियों को देश छोडकर शरणार्थी बनना पडा था । इस समय भारत में आए लगभग २ सहस्र ३०० पोलैंडवासियों को कोल्हापुर के छत्रपती राजाराम महाराज ने आश्रय दिया था । उनके लिए वळिवडे में बडी बस्ती बनाई थी । रहने के लिए कक्ष तथा छोटा चर्च भी बनाया था । परिस्थिती शांत होने के उपरांत ५-६ वर्षों से ये पोलैंडवासी मातृभूमि लौटे; परंतु कोल्हापुर के छत्रपती घराने ने की सहायता का पोलैंडवासियों को विस्मरण नहीं हुआ । छत्रपती घराने के सम्मान् के लिए पोलैंड की राजधानी वारसॉ में कोल्हापुर में स्मारक बनाया । कुछ वर्ष पहले पोलैंड ने कोल्हापुर के छत्रपती घराने के संभाजीराजे छत्रपती को पोलैंड को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था । पोलैंड ने संभाजीराजे सम्मान किया था ।