पर्यटकों को मंदिरों तथा गुरुद्वारों की ऑनलाइन जानकारी मिलेगी
वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – काशी के लगभग १ सहस्र धार्मिक स्थलों के जीर्णाेद्धार की तैयारी चल रही है। हिन्दू मंदिरों के अतिरिक्त जैन एवं बौद्ध मंदिरों, साथ ही गुरुद्वारों का भी इसमें समावेश है। पर्यटकों को जिले में स्थित पर्यटनस्थलों की जानकारी मिलने के उद्देश्य से प्रयास किए जा रहे हैं। जीर्णोद्धार करनेसहित उनसे संबंधित ऑनलाइन जानकारी भी मिलनेवाली है। ये धार्मिक स्थल ‘क्यू आर् कोड’ (क्विक रिस्पाँस कोड) अर्थात बारकोड की भांति की एक प्रकार की सांकेतिक भाषा) की प्रणाली से सुसज्जित होंगे, जिससे पर्यटकों को उनके विषय में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। पहले चरण में ३०० धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जानेवाला है।
१. पर्यटक विभाग के उपनिदेशक आर्.के. रावत ने दी जानकारी के अनुसार काशी के धार्मिक स्थल तथा उनकी पौराणिक आस्थाओं से संबंधित सामग्री इकट्ठा कर तथा सर्वेक्षण कर यह प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। धार्मिक तथा पुरातत्त्व विशेषज्ञों से जानकारी इकट्ठा करने के साथ ही ७ महिने इस भूभाग का सर्वेक्षण किया गया।
२. दूसरे चरण में काशी के लगभग ७०० मंदिर तथा धरोहरों की जानकारी संकलित कर उन्हें नवसंजीवनी दी जानेवाली है।
३. पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसाराच्या आध्यात्मिक शहर काशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। काशी में प्रतिदिन लाखों पर्यटक आते हैं। मंदिरों तथा धरोहरों के विषय में जानकारी न होने से पर्यटक सर्वत्र नहीं जा सकते। पर्यटकों को काशी के पौराणिक वैभी का परिचय हो तथा लोगों को अधिक से अधिक पर्यटन स्थलों को जाना संभव हो, इस उद्देश्य से यह योजना बनाई गई है।
४. पर्यटन विभाग धार्मिक स्थलों के पास स्टील के फलक लगानेवाला है। उस पर इन स्थलों का संक्षिप्त इतिहास लिखा होगा। उस पर एक ‘क्यूआर् कोड’ होगा, जिसमें विस्तृत इतिहास लिखा होगा।
संपादकीय भूमिकाकाशी भारत का आध्यात्मिक क्षेत्र होने से उसका विकास आध्यात्मिक स्तर पर भी हानेा चाहिए। हिन्दुओं के लिए काशी में सबसे बडा धर्मशिक्षा की केंद्र बनाना चाहिए ! |