#Diwali : विनाशकारी पटाखोंपर प्रतिबंध लगाएं !

अमावास्याका अंधेरा कान फाडनेवाले पटाखोंके कारण दूर नहीं होता; अपितु आंखोंके समक्ष जुगनूके समान चमककर सर्वत्र गहराता हुआ अंधकार होनेका ही भ्रम होता है ।

#Diwali : तुलसी विवाह

तुलसी विवाह के दिनसे शुभ दिवसका, अर्थात मुहूर्तके दिनोंका आरंभ होता है । ऐसा माना जाता है कि, ‘यह विवाह भारतीय संस्कृतिका आदर्श दर्शानेवाला विवाह है ।’ घरके आंगनमें गोबर-मिश्रित पानी छींटिए ।

#Diwali : नरकचतुर्दशी

आश्विन कृष्ण चतुर्दशी तथा विक्रम संवत अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी नरक चतुर्दशीके नामसे जानते हैं । दीपावलीके दिनोंमें अभ्यंगस्नान करनेसे व्यक्तिको अन्य दिनोंकी तुलनामें ६ प्रतिशत सात्त्विकताका अधिक लाभ मिलता है ।

#Diwali : धनत्रयोदशी

‘धनत्रयोदशी’ दिनके विशेष महत्त्वका कारण यह दिन देवताओंके वैद्य धन्वंतरिकी जयंतीका दिन है । धनत्रयोदशी मृत्युके देवता यमदेवसे संबंधित व्रत है । यह व्रत दिनभर रखते हैं । व्रत रखना संभव न हो, तो सायंकालके समय यमदेवके लिए दीपदान अवश्य करते हैं ।

#Diwali : भाईदूज मनाने से भाई एवं बहन को होनेवाले लाभ

असामायिक अर्थात अकालमृत्यु न आए, इसलिए यमदेवताका पूजन करनेके तीन दिनोंमेंसे कार्तिक शुक्ल द्वितीया एक है । यह दीपोत्सव पर्वका समापन दिन है ।

#Diwali : बलिप्रतिपदा

बलिप्रतिपदाके दिन प्रातः अभ्यंगस्नानके उपरांत सुहागिनें अपने पतिका औक्षण करती हैं । दोपहरको भोजनमें विविध पकवान बनाए जाते हैं । इस दिन लोग नए वस्त्र धारण करते हैं एवं संपूर्ण दिन आनंदमें बिताते हैं ।

#Diwali : नरकचतुर्दशी के दिन की जानेवाली धार्मिक विधियां

नरक चतुर्दशी पर अभ्यंगस्नान एवं यमतर्पण करनेके उपरांत देवताओं का पूजन करते हैं । सूर्यदेव एवं कुलदेवता को नमस्कार करते हैं । इसके उपरांत दोपहर ब्राह्मणभोजन कराते हैं ।

#Diwali गोवत्सद्वादशी का महत्त्व

वसुबारस अर्थात गोवत्स द्वादशी दीपावली के आरंभ में आती है । यह गोमाता का सवत्स अर्थात उसके बछडे के साथ पूजन करने का दिन है ।

#Diwali दिवाली लक्ष्मी पूजा दिन की श्री लक्ष्मीपूजन विधि

आश्विन अमावस्या अर्थात दिवाली में लक्ष्मी पूजा के दिन सर्व मंदिरों, दुकानों तथा घरों में श्री लक्ष्मीपूजन किया जाता है । यहां, इस पूजा की सरल भाषा में शास्त्रीय जानकारी दी है ।

#Diwali भावपूर्ण दीपावली कैसे मनाएं ?

‘अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जानेवाला त्यौहार है दिवाली ! ‘दिवाली अर्थात उत्साह । दिवाली अर्थात आनंद’, ऐसा विचार करनेपर साधकों के जीवन में केवल गुरु भगवान की कृपा के कारण इतना आनंद होता है कि हम प्रत्येक क्षण दिवाली अनुभव करते हैं ।