Gopi Thotakura Space Tourist : पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जानेवाले पहले भारतीय, गोपी थोटाकुरा !

‘ब्लू ओरिजिन’ प्रतिष्ठान के रॉकेट से की अंतरिक्ष यात्रा !

ह्युस्टन (अमेरिका) – पीछले २-३ वर्षों से अमेरिका में ‘अंतरिक्ष पर्यटन’ का बोलबाला है । विशेषकर निजी प्रतिष्ठानों में इसके लिए होड लगी है । इसका उद्देश्य जनसाधारण को अंतरिक्ष स्थानक में ले जाना है । ‘अमेजन’ के संस्थापक जेफ बेजोस का प्रतिष्ठान ‘ब्लू ओरिजिन’ ने १९ मई को ‘न्यू शेपर्ड रॉकेट’ की सहायता से ६ लोगों को अंतरिक्ष में भेजा । इसमें आंध्र प्रदेश के गोपी थोटाकुरा भी सहभागी थे । इससे ३० वर्ष की आयु के गोपी ‘पर्यटक’ के रूप में अंतरिक्ष में जानेवाले पहले भारतीय हो गए हैं । वर्ष १९८४ में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के उपरांत अंतरिक्ष में जानेवाले दूसरे भारतीय हो गए ।

१. गोपी थोटाकुरा के अतिरिक्त मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरॉन, केनेथ एल्. हेस, कॅरोल स्कॉलर और अमेरिकन सेना के भूतपूर्व कैप्टन एड ड्वाइट भी सहभागी थे ।

२. एलोन मस्क का प्रतिष्ठान ‘स्पेसएक्स’ से स्पर्धा करनेवाले ‘ब्लू ओरिजिन’ ने इसके पहले भी ‘न्यू शेपर्ड रॉकेट’ से ३१ लोगों को अंतरिक्ष में भेजा है । अंतरिक्ष में जानेवाले पहले अमरिकी अंतरिक्षवीर लन शेपर्ड के नाम से इस रॉकेट को ‘न्यू शेपर्ड रॉकेट’ ऐसा नाम दिया गया है ।

३. १२ सितंबर २०२२ को ‘अंतरिक्ष पर्यटन’ का पहला अभियान आरंभ हुआ । इसमें कुछ सेकेंड पश्चात रॉकेट में आग लगी । तदुपरातं दिसंबर २०२३ में फिर से प्रयोग किया गया और १९ मई की सायंकाल में अमेरिका के टेक्सास शहर से इस रॉकेट ने आकाश में उडान भरी ।

कौन हैं, गोपी थोटाकुरा ?

गोपी एक वैमानिक तथा उद्योजक हैं । उन्होंने फ्लॉरिडा के ‘एम्ब्री-रिडल वैमानिकी विश्वविद्यालय’ से पदवी प्राप्त की है और दुबई के ‘एमिरेट्स एविएशन विश्वविद्यालय’ में ‘एविएशन मैंनेजमेंट’ का अध्ययन किया है । विशेष बात यह है कि गोपी हे चारपहिया वाहन चलाने से पहले विमान चलाना सीखे हैं ।

ऐसी होती है, अंतरिक्ष यात्रा !

पृथ्वी से १०० किमी उंचाई पर रॉकेट को ले जाते है । इतनी दूरी से पर्यटकों को उनके सीट बेल्ट हटाकर पृथ्वी की ओर देखने को कहा जाता है । इतनी दूरी पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण अत्यल्प होने से पर्यटक शून्य भार होने का (‘वेटलेसनेस’ का) अनुभव ले कते है । यह कालावधि साधारणतया ११ मिनटों की होती है । यह एक अविस्मरणीय अनुभव होता है, ऐसा ‘ब्लू ओरिजिन’ का कहना है ।