हमास का पक्ष लेने वाले ‘अल-जज़ीरा’ समाचार चैनल पर इजराइल द्वारा प्रतिबंध लगाया गया !

कार्यालय पर छापा मारकर कैमरे जब्त किए गए !

तेल अवीव (इजराइल) – इजराइल तथा हमास के बीच युद्ध को ७ महीने हो गए हैं । क़तर के वैश्विक समाचार चैनल अल-जजीरा को हमास के पक्ष में इजराइल विरोधी रिपोर्टिंग के लिए इजराइल द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है । इजराइल ने आरोप लगाया कि समाचार चैनल हमास का मुखपत्र बन गया है । प्रतिबंध के बाद सरकारी एजेंसियों ने यरूशलम में समाचार चैनल के कार्यालय पर छापा मारा । दूरसंचार मंत्री श्लोमो कराही ने इस संबंध में कहा कि कार्रवाई में समाचार चैनल के कैमरे और अन्य उपकरण जब्त कर लिये गए हैं ।

हमास को भड़काने वाला समाचार चैनल ! -प्रधानमंत्री नेतन्याहू

नेतन्याहू

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ‘एक्स’ पर पोस्ट भेज कर कहा कि हमने यह निर्णय सभी की सहमति से लिया है । अल-जजीरा हमास समर्थक समाचार चैनल है । वहीं ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के अनुसार, इजराइल ने अल-जजीरा पर युद्ध भड़काने तथा विश्व भर में इजराइल की छवि बिगाडने का आरोप लगाया है । इज़रायली कैबिनेट ने अल-जजीरा पर हमास का मुखपत्र होने का आरोप लगाया है ।

यह प्रतिबंध केवल 31 जुलाई तक है तथा इसे बढ़ाने के लिए इजरायली संसद की सहमति आवश्यक है । बीबीसी के अनुसार, इससे इजराइल तथा हमास के बीच मध्यस्थ का काम करने वाला कतर अप्रसन्न हो सकता है ।

‘हमास’ से हमारा कोई संबंध नहीं! – अल-जजीरा का स्पष्टीकरण

अल-जजीरा ने उन रिपोर्टों की पुष्टि की है कि इजराइल में उसके प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । इजराइल की ओर से हमारे पत्रकारों के मोबाइल फोन जब्त करने का आदेश दिया गया है । हमारे ऊपर लगे आरोप निराधार हैं तथा हमारा हमास से कोई संबंध नहीं है । इजराइल के प्रतिबंध का परिणाम कतर द्वारा युद्ध रोकने के प्रयासों पर भी पड़ सकता है । दोनों देशों के मध्य संबंध भी खराब हो सकते हैं ।

संपादकीय भूमिका

इजराइल के समान, भारत से भी ऐसी ठोस कार्रवाई की आशा है । भारत को ‘वाशिंगटन पोस्ट’, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘बीबीसी’, ‘अल-जजीरा’ पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए तथा भारत में उनकी संपत्ति जब्त करनी चाहिए, जो लगातार आधारहीन भारत विरोधी तथा हिन्दू विरोधी समाचार देते हैं !