लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – यहां दुबग्गा में एक अवैध मदरसे से २१ बच्चों को बचाया गया। पीड़ित बच्चों ने कहा, ‘मदरसे के मौलवी (इस्लाम को पढ़ाने वाला) हमारे साथ भेदभाव करते थे। वह हमें जन्नत (स्वर्ग) ले जाने का लालच दिखाता था। हिंदुओं में बुरे कर्म करने वालों को पुनर्जन्म लेना पड़ता है,’ ऐसा बताता था।मदरसे से रिहा किए गए ७ से १५ साल की उम्र के इन बच्चों को फिलहाल मोहन रोड स्थित शासकीय बाल गृह में रखा गया है। इससे पहले एक अन्य अवसर पर बाल संरक्षण आयोग और उत्तर प्रदेश पुलिस ने अयोध्या से ९५ बच्चों को ले जा रहे ५ मौलवियों को गिरफ्तार किया था। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, लक्ष्मणपुरी में पंजीकृत मदरसों की कुल संख्या १३१ है, जबकि १११ मदरसे अवैध रूप से चल रहे हैं ।
21 children rescued from an illegal M@dara$a in Laxmanpuri (Uttar Pradesh).
Crucial to change the beliefs of children – Dr. Suchita Chaturvedi, State Commission for Protection of Child Rights.
👉 What does the administration do until the illegal madarasa are fully functional?… pic.twitter.com/kMQB8lcRca
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 5, 2024
बच्चों का बुद्धीभेद होना खतरनाक है ! – डॉ. सुचिता चतुर्वेदी, राज्य बाल संरक्षण आयोग
राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्या डाॅ. सुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चों का ब्रेनवॉश करने का मामला एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। जो बच्चे ठीक से हिंदी नहीं बोल पाते वे ‘पुनर्जन्म’ कह रहे हैं । इन बच्चों को इस्लाम की तालीम दी जाती थी और जन्नत के सपने दिखाए जाते थे। इस संबंध में चतुर्वेदी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अवैध मदरसों की जांच के लिए एक कमिटी गठित करने का सुझाव दिया है।
शुरुआती जांच में पता चला है कि बिहार के दरभंगा के रहने वाले इरफान और अफसान नाम के लड़के दुबग्गा में अवैध मदरसा चला रहे हैं। यह अवैध मदरसा दुबग्गा के एक मकान में चलाया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस ने १ मई २०२४ को मदरसे से २१ बच्चों को बचाया। इसके बाद इन बच्चों को बाल संरक्षण गृह भेज दिया गया है। ये सभी बच्चे बिहार के रहने वाले बताये जा रहे हैं।
संपादकीय भूमिकाअवैध मदरसे खुल रहे हैं तो प्रशासन क्या कर रहा है ? भारत में अधिकांश मदरसे राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के अड्डे बन गए हैं, इसलिए उन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक ! |