सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘विज्ञान ने सिगरेट, शराब आदि के दुष्परिणाम सिद्ध किए हैं, तब भी धर्मद्रोही बुद्धिवादी उससे संबंधित अभियान नहीं चलाते । जुआ, मटका आदि के विषय में भी अभियान चलाने के स्थान पर केवल हिन्दू धर्म के विरुद्ध अभियान चलाकर स्वयं को ‘आधुनिक’ कहलवाते हैं, यह ध्यान में रखें !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक