अमेरिका द्वारा रूस की आलोचना
जिनिवा (स्विट्जरलैंड) – रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बाह्य अंतरिक्ष समझौते के प्रस्ताव को निषेधाधिकार (‘वेटो’ का) करते हुए रोक दिया है । इस कारण अमेरिका कुपित है । अमेरिका ने आरोप लगाया है कि रूस उपग्रह ले-जानेवाले अणु-शस्त्र विकसित कर रहा है । इसीलिए रूस ने इस प्रस्ताव का निषेधाधिकार किया है । इस समझौते के अंतर्गत अणु-शस्त्र के साथ ही अंतरिक्ष में संकटदायक हथियार नियुक्त करने पर प्रतिबंध लगाना निश्चित हुआ था; परंतु रूस द्वारा निषेधाधिकार का प्रयोग करने के कारण अमेरिका का यह हेतु पूर्ण नहीं हो सका ।
Russia vetoes the resolution against the deployment of #nuclear #weapons in #Space in the #UnitedNations #Security Council !
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— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 25, 2024
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परामर्शदाता जैक सुलिवन ने एक निवेदन में कहा है, ‘हमें ध्यान में आया है कि रूस उपग्रह ले-जानेवाले अणु-शस्त्र विकसित कर रहा है । हमने यह भी सुना है कि राष्ट्रपति पुतिन ने सरेआम कहा है कि रूस की अंतरिक्ष में अणु-शस्त्र नियुक्त करने की कोई भी योजना नहीं है । यदि ऐसा है, तो रूस ने इस प्रस्ताव के विरोध में ‘वेटो’ का प्रयोग क्यों किया ? अमेरिका एवं जापान के तत्त्वावधान में निश्चित किए गए इस प्रस्ताव के अनुसार अंतरिक्ष में अणु-शस्त्र नियुक्त करना, मूलभूत दायित्वों के विरोध में हैं । सदस्य देशों को पृथ्वी की परिधि में नियुक्त कर सके, ऐसे अणु-शस्त्रों का निर्माण नहीं करना चाहिए, ऐसी मांग भी इस प्रस्ताव में की गई है ।’
अंतरिक्ष में अणु-शस्त्रों की नियुक्ति करने में संकट !
जैक सुलिवन ने आगे कहा, ‘पृथ्वी की परिधि में अणु-शस्त्रों की नियुक्ति के कारण यातायात, वैज्ञानिक, हवामानशास्त्र, कृषि, व्यावसायिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा तहस-नहस होने का संकट है ।’ संयुक्त राष्ट्र के अमेरिकी राजदूत लिंडा थौमस ग्रीनफिल्ड ने भी रूस के इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, ‘रूस ने अपने दायित्व से मुंह मोड़ लिया है । रूस द्वारा इस प्रकार प्रस्ताव ठूकराना, यह कोई प्रथम बार नहीं है । पिछले कुछ वर्षों से रूस संकटदायक हथियारों के सूत्र पर दायित्वशून्यता से सामने आ रहा है ।’