InheritanceTax in India : भारत में अमेरिका की भांति विरासत टैक्स लगाने पर चर्चा होनी चाहिए ! – सैम पित्रोदा

  • कांग्रेस की विदेश शाखा के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का वक्तव्य !

  • यह पित्रौदा का व्यक्तिगत वक्तव्य है, कांग्रेस का मत

(विरासत टैक्स का अर्थ है, किसी की मृत्यु के पश्चात उसकी ५५ प्रतिशत संपत्ति सरकारी खाते में जमा करना)

सैम पित्रोदा

नई देहली – अमेरिका में विरासत टैक्स है । भारत में भी विरासत टैक्स लागू करने पर चर्चा होनी चाहिए । यदि किसी के पास १० करोड डालर्स की (८३ करोड रुपयों से भी अधिक) संपत्ति होगी, तो उसकी मृत्यु के पश्चात उसमें से ४५ प्रतिशत संपत्ति उसकी संतानों को मिलती है और ५५ प्रतिशत संपत्ति सरकारी खाते में जमा होती है । भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है । यदि यहां पर किसी की संपत्ति १० अरब रुपए होगी, तो उसकी मृत्यु के पश्चात उसकी संतानों को यह सर्व संपत्ति मिलती है । जनता के लिए कुछ भी बचता नहीं है । मुझे लगता है कि लोगों को ऐसे विषयों पर चर्चा करनी चाहिए, ऐसा वक्तव्य कांग्रेस की विदेश शाखा के (इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के) अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने दिया । पित्रोदा के इस वक्तव्य से कांग्रेस ने अपनेआप को दूर रखा है । पार्टी के मुख्य सचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत मत है । पार्टी से इसका कुछ संबंध नहीं है ।

(सौजन्य : Business Today) 

कांग्रेस आपकी संपत्ति लुटना चाहती है ! – प्रधानमंत्री मोदी द्वारा टिप्पणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पित्रोदा के इस वक्तव्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी की है । उन्होंने एक सभा में कहा कि कांग्रेस पैतृक विरासत अधिकार पर भी टैक्स लगाना चाहती है । आपकी कमाई हुई संपत्ति आपके बच्चों तक नहीं जाएगी । ‘कांग्रेस के पंजे’ उसे भी आप से छिन लेंगे । कांग्रेस का मंत्र है, ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी ।’ अर्थात जब तक आप जीवित हैं, तब तक कांग्रेस आप को अधिक कर लगाकर मारेगी । जिन्होंने पूरी कांग्रेस पार्टी को पैतृक संपत्ति मानकर उसे उनके बच्चों को दी, उन्हें ऐसा नहीं लगता कि सामान्य भारतीय उनकी संपत्ति अपने बच्चों को दे ।

मेरे वक्तव्य का गलत अर्थ निकाला जा रहा है ! – सैम पित्रोदा द्वारा सफाई

(सौजन्य : Business Today) 

सैम पित्रोदा के वक्तव्य पर टिप्पणी आरंभ होने पर और कांग्रेस द्वारा इस वक्तव्य से असहमत होने की बात कही जाने पर पित्रोदा ने सामाजिक माध्यमों में पोस्ट की है । उन्होंने कहा कि मेरे वक्तव्य का गलत अर्थ निकाला जा रहा है । यह दुर्भाग्यपूर्ण है । ‘५५ प्रतिशत संपत्ति छीन ली जाएगी’ ऐसा किसने कहा ? भारत में ऐसा किया जाएगा, ऐसा किसने कहा ? भाजपा तथा प्रसारमाध्यम इतने घबरा क्यों गए ? मैंने केवल विरासत टैक्स का उदाहरण दिया था । क्या मैं वस्तुस्थिति नहीं बता सकता ? मैंने इतना ही कहा कि इन सूत्रों पर चर्चा करना आवश्यक है । इसका कांग्रेस के साथ अन्य किसी भी पार्टी की नीतियों से संबंध नहीं है ।

संपादकीय भूमिका 

भारत के इतिहास में ऐसा कानून कभी नहीं था और कभी हो भी नहीं सकता । भारत की जनता कहेगी कि यदि यह कानून करना ही होगा, तो राजनेताओं के लिए ही करना चाहिए !