|
लंदन/नई देहली – ब्रिटीश समाचार पत्र ‘द गार्डियन’ ने समाचार प्रसारित किया है कि, ‘भारतीय और पाकिस्तानी गुप्तचरों ने ‘द गार्डियन’ को बताया कि भारत सरकार ने विदेशी भूमि पर रहनेवाले आतंकवादियों को नष्ट करने की रणनीति के एक भाग के रुप में पाकिस्तान में अनेक लोगों की हत्या की ।’ इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस्. जयशंकर ने कहा, ‘‘इस प्रकार की हत्याएं करना भारत की विदेश नीति में नहीं आता ।’’ उसी समय विदेश मंत्रालय ने एक निवेदन में कहा है कि ये आरोप झूठ हैं और इनके द्वारा भारत के विरुद्ध कुप्रचार किया जा रहा है ।
‘द गार्डियन’ ने समाचार में लिखा है कि,
१. दोनों देशों के गुप्तचर अधिकारियों की पत्रकार वार्ताएं और
तथा पाकिस्तानी जांच तंत्रों द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से स्पष्ट रुप से पता चलता है कि भारत की विदेशी गुप्तचर संस्था ने वर्ष २०१९ के उपरांत कथित राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यवाहियां की हैं । ‘रिसर्च अँड अॅनालिसिस विंग’ (रॉ) सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के नियंत्रण में है । मोदी इस महीने में तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड रहे हैं ।
२. वर्ष २०१९ में जम्मु-कश्मीर के पुलवामा में हुए आक्रमण के उपरांत भारतीय गुप्तचर तंत्र ‘रॉ’ ने २० हत्याएं की हैं । भारत ने इन सभी को शत्रु मान लिया है । हाल ही में भारत पर कनाडा तथा अमेरिका के सिक्खों की हत्या का आरोप हुआ है । पहली बार ही भारतीय गुप्तचर अधिकारी पाकिस्तान में की कार्यवाहियों पर बोल रहे हैं ।
३. पाकिस्तानी गुप्तचर तंत्रों ने बताया कि ये हत्याएं संयुक्त अरब अमीरात स्थित भारतीय गुप्तचरों ने की हैं । वर्ष २०२३ में हत्याओं की घटनाओं में वृद्धि हुई । ये गुप्तचर स्थानीय अपराधियों को अथवा निर्धन पाकिस्तानी लोगों को हत्या करने के लिए लाखों रुपए देते हैं । वर्ष २०२३ में १५ लोगों की हत्या की गई थी । इन सभी पर अज्ञातों ने निकट से गोलियां चलाईं थीं ।
४. भारतीय गुप्तचर तंत्र ने हमें बताया कि ऐसी कार्यवाही करने के लिए सरकार की अनुमति आवश्यक है । यह करने के लिए भारत को इजरायली गुप्तचर संस्था ‘मोसाद’ और रशियन गुप्तचर संस्था ‘केजीबी’ से प्रेरणा मिली । ये दोनों संस्थाएं विदेशी भूमि में होनेवाली हत्याओं से संबंधित हैं ।
संपादकीय भूमिकाकनाडा, अमेरिका और अब ब्रिटेन के समाचारपत्रों द्वारा भारत को जानबूझकर इस प्रकार लक्ष्य किया जा रहा है । इसके द्वारा पश्चिम देश भारत पर दबाव निर्माण करने का प्रयत्न कर रहे हैं । जिहादी तथा खालिस्तानी आतंकवादियों का अप्रत्यक्ष रुप से समर्थन भी वे कर रहे हैं, यह ध्यान में रखते हुए ऐसे देशों के विरुद्ध भारत को कठोर होना आवश्यक ! |