Badruddin Ajmal : (और इनकी सुनिए…) ‘३०० वर्षों तक भी गुवाहाटी से मुसलमानों को कोई भी बाहर नहीं निकाल सकता !’ – सांसद बदरुद्दीन अजमल

‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ के अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल की मुख्यमंत्री सरमा को चुनौती

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा एवं सांसद बदरुद्दीन अजमल

नौगाव (असम) – ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (ए.आई.यू.डी.एफ.) इस राजनीतिक पार्टी के प्रमुख और धुबरी के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा है, ‘मियाओं को (असम के बंगाली मुसलमानों को मियां कहा जाता है) गुवाहाटी से ३ वर्ष अथवा ३०० वर्षों तक कोई भी बाहर नहीं निकाल सकता । ‘मियां नहीं रहेंगे, तो राज्य का कामकाज ठप हो जाएगा । अन्न नहीं मिलेगा । निर्माण कार्य रुक जाएंगे । सब्जी कहां से आएगी ‘, ऐसा दवा उन्होंने किया । वे यहां रूपहीहाट की सभा में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को लक्ष्य करते हुए बोल रहे थे ।

१. असम में हाल ही में मुसलमान विवाह कानून रद्द किया गया है । ‘जब तक मैं जीवित हूं, तब तक राज्य में बालविवाह नहीं होने दूंगा’, ऐसा मुख्यमंत्री सरमा ने विधानसभा में कहा था । इस पर बदरुद्दीन अजमल ने, यदि मुख्यमंत्री सरमा ने राज्य में ८ वर्ष आयु की मुसलमान लडकियों का विवाह होते हुए दिखाया, तो मैं राजनीति छोड दूंगा, ऐसी चुनौती दी है ।

२. कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सरमा ने कहा था, ‘अजमल को उनका जादू रोकना पडेगा अन्यथा कानून का उल्लंघन करने पर उन्हें बंदी बनाया जाएगा ।’ सांसद अजमल लोगों को उनकी समस्या दूर करने के लिए पानी फूंक कर देते हुए दिखाई देते हैं । लोगों को लगता है कि, इस पानी के कारण उन्हें लाभ होता है ।

३. हाल ही में असम में एक कानून पारित किया गया है, जिसमें ऐसी अंधश्रद्धा से उपचार करना अपराध होगा । इस कानून के अनुसार पहला अपराध करने पर ५० सहस्र रुपए दंड और १ वर्ष कारावास का दंड हो सकता है । यह कारावास ३ वर्ष तक बढाया जा सकता है । इसमें पुनः कोई दोषी पाया गया तो १ लाख रुपए तक का दंड और ५ वर्ष तक का दंड हो सकता है ।

संपादकीय भूमिका

घुसपैठियों का समर्थन करने वाले अजमल जैसे लोगों पर कार्यवाही कर उन्हें कारागृह में डालना चाहिए !