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लंडन (ब्रिटन) – ब्रिटन निवासी भारतीय वंश के सुविख्यात डॉक्टर टोनी ढिल्लों आंत के कर्करोग से पीडित रोगियों के लिए आशा का नया किरण बन गए हैं । आंत के कर्करोग पर टीका बनाने के लिए उन्होंने ४ वर्ष काम किया है । आगामी काल में इस टीके का परीक्षण किया जानेवाला है ।
“This is ground-breaking,” Dr Tony Dhillon, Consultant Medical Oncologist.
A vaccine to treat early #bowelcancer will go on trial for patients thanks to a worldwide collaboration between scientists and doctors at #RoyalSurrey and Australia.
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— Royal Surrey (@RoyalSurrey) January 29, 2024
१. डॉ. टोनी ढिल्लों, रॉयल सरे एन्.एच्.एस्. फाऊंडेशन ट्रस्ट के ऑन्कोलॉजिस्ट (कर्करोग पर उपचार करनेवाले डॉक्टर) हैं । उन्होंने इस टीके का परीक्षण करने का प्रस्ताव दिया है । उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रोफेसर टिम प्राइस के साथ इसपर काम किया ।
२. ऑस्ट्रेलिया के डलेड के रॉयल सरे और साऊथेम्प्टन विश्वविद्यालय के कैंसर रिसर्च क्लिनिकल ट्रायल्स युनिट द्वारा यह परीक्षण किया जाएगा । क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल इसमें सहयोग देनेवाला है ।
‘किसी भी आंत के कर्करोग पर यह पहला ही टीका है । हमें आशा है कि यह सफल होगा । इससे अनेक रोगियों के शरीर से यह कर्करोग पूर्णतः नष्ट हो जाएगा । रोगियों को शस्त्रकर्म करने की आवश्यकता नहीं होगी ।’ – डॉ. टोनी ढिल्लों |
४४ रोगियों पर टीके का परीक्षण किया जाएगा !
परीक्षण में ४४ रोगियों को समाविष्ट किया जाएगा । इसका अध्ययन १८ महीने तक चलेगा । यह परीक्षण ऑस्ट्रेलिया में ६ और ब्रिटन में ४ स्थानों के रोगियों पर किया जाएगा । परीक्षण सफल होने पर टीके का उपयोग करने के लिए अनुज्ञप्ति दी जाएगी अथवा उसपर अधिक अध्ययन किया जाएगा । संसार में प्रतिवर्ष आंत के कर्करोग से संबंधित १२ लाख मामले पाए जाते हैं । आंत के कर्करोग से होनेवाले मृत्युओं की मात्रा ५० प्रतिशत है ।