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कंपाला (युगांडा) – भारत तथा मालदीव में लक्षद्वीप के प्रकरण से तनाव उत्पन्न हुआ है, इसलिए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस्. जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मोसा जमीर से यहां भेंट की । ‘नॉन-अलाईन्ड मूव्हमेंट’ शिखर परिषद के लिए दोनों यहां आए थे, तब यह भेंट हुई । इस समय दोनों नेताओं में परस्पर संबंध तथा भारतीय सेना हटाने के सूत्र पर चर्चा हुई । साथ ही मालदीव में जारी विकास परियोजनाओं तथा ‘सार्क’ और ‘नाम’ इन संगठनों में दोनों देशों का सहयोग, इस बारे में भी चर्चा हुई । वर्तमान में ८८ भारतीय सैनिक मालदीव में हैं । सेना को हटाने के संदर्भ में दोनों देशों में चर्चा करने हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है ।
Met Maldives FM @MoosaZameer today in Kampala.
A frank conversation on 🇮🇳-🇲🇻 ties. Also discussed NAM related issues. pic.twitter.com/P7ResFlCaK
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 18, 2024
इस भेंट के उपरांत मालदीव के विदेश मंत्री ने सामाजिक माध्यमों में पोस्ट कर कहा कि हम हमारे बीच के संबधों को दृढ करने तथा उन्हें आगे ले जाने के लिए वचनबद्ध हैं । मालदीव हिंद महासागर में भारत के प्रमुख खाड़ी पडोसियों में से एक देश है ।
It was a pleasure to meet with the External Affairs Minister of #India @DrSJaishankar in the margins of #NAMSummitUg2024.
We exchanged views on the ongoing high-level discussions on the withdrawal of Indian military personnel, as well as expediting the completion of ongoing… pic.twitter.com/viw3fnppY7
— Moosa Zameer (@MoosaZameer) January 18, 2024
Tensions between India and Maldives.
Discussion between the foreign ministers of India and Maldives in Kampala.
Talks held on the issue of Indian military withdrawal from the Maldives.#InternationalNews #SJaishankar #EAM pic.twitter.com/9AhzT5knUK
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 19, 2024
मालदीव में भारतीय सैनिक क्या कर रहे हैं ?
भारत ने वर्ष २०१० और २०१३ में मालदीव को २ हेलीकॉप्टर तथा वर्ष २०२० में एक छोटा विमान उपहार में दिया था । इस बात को लेकर मालदीव में बडा तहलका मचा था । मुइज्जू के नेतृत्व में विरोधकों ने तत्कालीन अध्यक्ष सोलिह पर भारत को प्रधानता देने की नीति अपनाने का आरोप लगाया था । भारत का कहना है कि उपहार में दिए विमान का उपयोग शोध तथा बचाव कार्य और रोगियों की यातायात के लिए किया जानेवाला था । मालदीव की सेना ने वर्ष २०२१ में बताया था कि इस विमान के उपयोग तथा देखभाल के लिए ७० से अधिक भारतीय सैनिक देश में है । तदुपरांत मालदीव के विरोधी दलों ने ‘इंडिया आउट’ अभियान आरंभ किया । भारतीय सैनिक मालदीव छोडकर चले जाएं, ऐसी उनकी मांग थी ।