MP Suspended : अब तक विरोधी दलों के १४१ सांसद निलंबित !

संसद का शीतकालीन अधिवेशन

  • संसद भवन में घुसपैठ की घटना को लेकर हंगामा मचाने का प्रकरण

  • पहली बार ही इतनी बडी संख्या में सांसदों का निलंबन !

  • ‘मोदी मुर्दाबाद’, ‘तानाशाही मुर्दाबाद’ आदि के लगाए गए नारे !

नई देहली – संसद के शीतकालीन अधिवेशन के १२ वे दिन १९ दिसंबर को विरोधी दलों के सांसदों के निलंबन को लेकर दोनों सभागृहों में हंगाम मच गया । सांसदों ने सदन के भीतर तथा सभागृह के प्रवेश द्वार पर, साथही परिसर में भी नारेबाजी की । इसलिए ४९ विरोधी सांसदों को लोकसभा से निलंबित किया गया । अब कुल १४१ सांसदों को निलंबित किया गया है । इतना ही नहीं, अपितु लोकसभा की प्रश्न सूचि से निलंबित सांसदों द्वारा पूछे गए २७ प्रश्न हटाए गए हैं ।

१. राज्यसभा में कुल २४५ सांसद हैं । इनमें भाजपा और उसके मित्र दल के १०५, तर ‘इंडी’ मोर्चा के ६४ और अन्य ७६ सांसद समाविष्ट हैं । इनमें से ६२ विरोधी सांसदों को निलंबित किया गया है ।

२. लोकसभा में सांसदों की वर्तमान संख्या ५३८ है । इसमें सरकार के ३२९, ‘इंडी’ मोर्चा के १४२, तो अन्य दलों के ६७ सांसद हैं । इनमें से ७९ विरोधी सांसदों को निलंबित किया गया है ।

संसद भवन में घटी कुछ महत्त्वपूर्ण गतिविधियां इस प्रकार हैं… !

  • तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद भवन के प्रवेश द्वार पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड की नकल की । इस समय राहुल गांधी सहित अनेक विरोधी दलों के नेता उपस्थित थे । इस विषय में धनखड ने संसद भवन में अप्रसन्नता व्यक्त की ।

  • विरोधी दलों के नेताओं ने ‘मोदी मुर्दाबाद’, ‘तानाशाही मुर्दाबाद’ और ‘मोदी सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए ।
  • ज्येष्ठ पत्रकार और राजनीतिज्ञ के. विक्रम राव के मतानुसार एक ही दिन में इतनी बडी संख्या में सदस्यों को संसद से निलंबित करने की पहली ही घटना है ।
  • सभापति ओम बिर्ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा के संदर्भ में उच्चस्तरीय जांच हो रही है । इस प्रकरण में जांच समिति का गठन किया गया है । इस घटना के संदर्भ में राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण बात है । लोकतांत्रिक पद्धति से ही सभागृह में चर्चा होनी चाहिए ।

संपादकीय भूमिका 

संसार के सामने भारतीय लोकतंत्र का उपहास किए जाने का और एक उदाहरण ! सुरक्षा व्यवस्था की न्यूनताओं में सुधार करने के लिए एकत्रित प्रयत्न करना आवश्यक होते हुए भी इसपर राजनीति करना विरोधी दलों के सांसदों को लज्जास्पद !