ऋषि-मुनियों पर ‘ईश्वरीय कृपा’ !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘वेद-उपनिषद लिखनेवाले ऋषि-मुनि पूर्व के सात्त्विक काल में हुए, यह अच्छा हुआ; क्योंकि आज के तामसिक काल में (कलियुग) में उन्हें कोई महत्त्व नहीं मिलता ।’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक