अभिनेत्री कंगना रनौत भी इस वक्तव्य का समर्थन करती हैं
मुंबई – ‘नारीवाद’ निरर्थक है । जब पुरुष गर्भधारणा कर सकेंगे तभी वास्तविक समानता (जो असंभव है) आएगी । ‘महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं’ इस सूत्र को भी दुर्लक्ष्य किया जाना चाहिए । यदि आप आर्थिक रूप से सक्षम होने की अपेक्षा एक गृहिणी हैं, तो उसमें स्वयं को हीन न समझें । यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है । अभिनेत्री नीना गुप्ता ने एक साक्षात्कार के समय अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि, मैं यही संदेश देना चाहती हूं, ‘आपको स्वयं को हीन समझना त्यागना चाहिए ।’ जब इस वक्तव्य का विरोध होना आरंभ हुआ तब अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी इसका समर्थन किया ।
हममें से कोई भी समान नहीं है ! -कंगना रनौत, अभिनेत्री
पुरुष एवं महिला कभी भी समान नहीं हो सकते । वे प्रत्येक बिंदु में एक-दूसरे से भिन्न हैं । स्त्री-पुरुष छोडिए, हममें से कोई दो व्यक्ति एक जैसे नहीं हैं । हममें से प्रत्येक विकास के एक अलग स्तर पर है । हमारे इष्ट देवता, गुरु, वरिष्ठ, माता-पिता यहां तक कि ‘स्वामी’ भी अपने स्वयं के हैं । कुछ लोगों के पास अधिक अनुभव है अथवा कुछ लोग वास्तव में अधिक विकसित हैं; किंतु हम किसी भी स्तर पर समान नहीं हैं । पुरुषों एवं महिलाओं को एक-दूसरे की आवश्यकता होती ही है । वे एक-दूसरे के बिना अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकते । मुझे समझ नहीं आता कि इसमें लज्जित होने जैसा क्या है ? पुरुषों को ७ दिनों तक रक्तस्राव नहीं होता है । लडकियां घर से बाहर सुरक्षित नहीं हैं । कंगना रनौत ने ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट किया है कि वर्तमान तुच्छ ‘नारीवाद’ को दुर्लक्ष करना ही आवश्यक है ।
संपादकीय भूमिकापुरुष एवं महिला समान नहीं हो सकते; क्योंकि दोनों के शक्तिस्रोत भिन्न हैं । वे एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं तथा यही मानवीय सृष्टि रचना का सार है । कम्युनिस्टों की अयोग्य वैचारिक धारणा के कारण पश्चिमी देशों से आई ‘समानता’ की इस अवधारणा के कारण भारत में भी भारतीय समाज का पतन हुआ ! |