९ दिनों से सुरंग में फंसे हैं ४१ मजदूर !
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) – नौ दिन के उपरांत भी यहां सिल्कीरा सुरंग में ४१ मजदूर फंसे हुए हैं । उन्हें वहां से हटाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं । इसी प्रक्रिया मे २० नवंबर की सुबह इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ प्रो. अर्नाल्ड डिक्स भी उत्तरकाशी पहुंचे । ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले डिक्स ने बचाव अभियान की समीक्षा करने से पहले बाबा बौखनाग के मंदिर में प्रार्थना की ।
#WATCH उत्तरकाशी, उत्तराखंड: इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्पेस के अध्यक्ष, प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स सिल्क्यारा सुरंग पहुंचे, जहां फंसे हुए पीड़ितों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।
उन्होंने सुरंग के मुख्य द्वार पर बने एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। pic.twitter.com/UflsyQTm8v
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2023
१. डिक्स ने ’वर्टिकल ड्रिलिंग’ के लिए दो स्थान निश्चित किए हैं ।
२. सरकारी प्रतिष्ठान सतलुज जलविद्युत निगम के मुख्य अभियंता जसवंत कपूर ने बताया कि गुजरात और ओडिशा से दो और ’ड्रिलिंग मशीनें’ मंगवाई गई हैं । इसका अनुमानित वजन ७७ टन है और उनकी २१ नवंबर तक यहां पहुंचने की आशा है ।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix says “It is looking good, but we have to decide whether it is actually good or is it a trap. It is looking very positive as we have the best experts in Himalayan geology with… pic.twitter.com/IcnmHjGfRw
— ANI (@ANI) November 20, 2023
३. १ हजार २०० मीटर में से ९०० मीटर को सीमा सड़क संगठन द्वारा ’वर्टिकल ड्रिलिंग’ मशीन के लिए प्रमाणित किया गया है ।
४. पिछले ७ दिनों में बचाव के लिए आईं ४ मशीनें तथा ३ योजनाएं असफल हो चुकी हैं । नई नीति के अनुसार, कुल ९ प्रतिष्ठान एक ही समय में ५ ओर से सुरंग खोदेंगे।
५. घटना १२ नवंबर की सुबह ४ बजे यहां सिल्कीरा टनल में हुआ। सुरंग के प्रवेश बिंदु के २०० मीटर के भीतर ६० मीटर मिट्टी ढह गई । जिससे ४१ मजदूर उसमें फंस गए । बचाव अभियान के दौरान सुरंग में और भी पत्थर गिरे तथा मलबा कुल ७० मीटर तक फैल गया । सुरंग में फंसे मजदूर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा राज्य के हैं ।