Tunnel Collapse : बौखनाग मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ उत्तरकाशी में दुर्घटनास्‍थल के लिए रवाना हुए !

९  दिनों से सुरंग में फंसे हैं ४१  मजदूर !

उत्तरकाशी (उत्तराखंड) – नौ दिन के उपरांत भी यहां सिल्‍कीरा सुरंग में ४१ मजदूर फंसे हुए हैं । उन्‍हें वहां से हटाने के लिए युद्ध स्‍तर पर प्रयास किए जा रहे हैं । इसी प्रक्रिया मे २० नवंबर की सुबह इंटरनेशनल टनलिंग अंडरग्राउंड स्‍पेस एसोसिएशन के अध्‍यक्ष और अंतरराष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ प्रो. अर्नाल्‍ड डिक्‍स भी उत्तरकाशी पहुंचे । ऑस्‍ट्रेलिया के रहने वाले डिक्‍स ने बचाव अभियान की समीक्षा करने से पहले बाबा बौखनाग के मंदिर में प्रार्थना की ।

१. डिक्‍स ने ’वर्टिकल ड्रिलिंग’ के लिए दो स्‍थान निश्‍चित किए हैं ।

२.  सरकारी प्रतिष्ठान सतलुज जलविद्युत निगम के मुख्‍य अभियंता जसवंत कपूर ने बताया कि गुजरात और ओडिशा से दो और ’ड्रिलिंग मशीनें’ मंगवाई गई हैं । इसका अनुमानित वजन ७७ टन है और उनकी २१ नवंबर तक यहां पहुंचने की आशा है ।

३.  १ हजार २०० मीटर में से ९०० मीटर को सीमा सड़क संगठन द्वारा ’वर्टिकल ड्रिलिंग’ मशीन के लिए प्रमाणित किया गया है ।

४. पिछले ७ दिनों में बचाव के लिए आईं ४ मशीनें तथा ३ योजनाएं असफल हो चुकी हैं । नई नीति के अनुसार, कुल ९ प्रतिष्ठान एक ही समय में ५ ओर से सुरंग खोदेंगे।

५. घटना १२ नवंबर की सुबह ४ बजे यहां सिल्‍कीरा टनल में हुआ। सुरंग के प्रवेश बिंदु के २०० मीटर के भीतर ६० मीटर मिट्टी ढह गई । जिससे ४१ मजदूर उसमें फंस गए । बचाव अभियान के दौरान सुरंग में और भी पत्‍थर गिरे तथा मलबा कुल ७० मीटर तक फैल गया । सुरंग में फंसे मजदूर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा राज्‍य के हैं ।