दु:खद गीत सुुनने से लोगों की शारीरिक वेदना अल्प हो सकती है !

कैनडा के मैकगिल विश्वविद्यालय द्वारा किए शोधन का निष्कर्ष !

मॉन्ट्रियल (कैनडा) – यहां के मैकगिल विश्वविद्यालय शोधन के अंत में इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सुख एवं दु:ख दोनों के कटु एवं भावनात्मक अनुभवाें का विवरण करनेवाले दु:खद गीत सुनने से लोगों की शारीरिक वेदना अल्प हो सकती है ।

१. इस शोधन में सम्मिलित हुए लोगों को उनकी पसंद के गीत सुनाए गए थे । इससे शोधकर्ताओं के ध्यान में आया कि दुःखद गीत सुननेवालों में वेदना का भान १० प्रतिशत तक अल्प हो गया । इसका कारण मस्तिष्क गीतों से निर्माण होनेवाली संवेदना को वेदना के संकेतों की तुलना में अधिक प्रधानता देता है । शरीर वेदना का भान करवाता है; परंतु अपनी चेतना मन को वेदना का भान करवानेवाले संदेश प्रसारित नहीं करती ।

२. संगीत तनाव, हृदय गति, रक्तदाब अल्प करना एवं मस्तिष्क में डोपामाइन हार्मोन उत्पादन को प्रोत्साहन देकर चिंता और निराशा की भावना दूर करने में सहायता करता है । संगीत से अच्छी नींद और सहनशक्ति में वृद्धि भी होती है ।

संपादकीय भूमिका 

कहां दुःखी व्यक्ति को दुःख से बाहर आने के लिए गीत सुनाने जैसे ऊपरी उपाय बतानेवाला पाश्चात्यों का शोधन, तो कहां मानव को सच्चिदानंद की ओर मार्गक्रमण सिखानेवाला हिन्दू धर्म !