ISRO Gaganyaan : इसरो के ‘गगनयान’ अभियान का एक महत्वपूर्ण परीक्षण सफल !

तकनीकी अडचन के उपरांत कुछ ही मिनटों में अंतरिक्ष यान के ´आपातकालीन निकासी यंत्रणा´ का  परीक्षण किया गया !

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अर्थात इसरो के ‘गगनयान’ अभियान के अंतर्गत अंतरिक्ष यात्री जिस अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरिक्ष में जाएंगे, उसके आपातकालीन निकासी यंत्रणा का  परीक्षण २१ अक्टूबर को यहां ´सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र´ में किया गया । इसरो का यह परीक्षण सफल रहा। उस समय यह घोषणा की गई कि परीक्षण के लिए नियोजित आपातकालीन निकासी के सभी चरण अपेक्षानुरूप पूरे हो गए हैं। अब आगमी कुछ महीनों में गगनयान का एक और परीक्षण होने जा रहा है। यदि उडान के समय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में उडान भरने के कुछ मिनटों के भीतर कोई तकनीकी विफलता होती है, तो अंतरिक्ष यात्रियों को प्रक्षेपक के अग्रभाग में स्थित इस यंत्रणा द्वारा सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना संभव होगा ।

अंतरिक्ष यान प्रक्षेपक (रॉकेट) के अग्रभाग में स्थित है । यदि उड़ान के समय या उड़ान के उपरांत  रॉकेट में कोई तकनीकी खराबी आती है, तो रॉकेट में तुरंत स्फोट की संभावना होती है । ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि रॉकेट में कई हजार टन अत्यधिक ज्वलनशील ईंधन होता है । ऐसे समय में अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसी स्थिति में अंतरिक्ष यान को त्वरित मुख्य रॉकेट यान से विलग करने और पृथ्वी पर सुरक्षित लौटने के लिए उडान भरने की योजना बनाई गई है ।

(सौजन्य : ISRO Official) 

‘गगनयान’ अभियान में ३ अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से ४०० किमी दूर पहुंचेगे !

‘गगायन’ में ३ सदस्यों का एक दल ३ दिवसीय अभियान के लिए पृथ्वी से ४०० किमी की कक्षा में भेजा जाएगा , इसके उपरांत अंतरिक्ष यान के ´क्रू मॉड्यूल´  को सुरक्षित रूप से समुद्र में उतारा जाएगा। यदि भारत अपने अभियान में सफल हो गया तो वह ऐसा करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका, चीन और रूस पहले भी ऐसा कर चुके हैं ।

इस अभियान के लिए इसरो ४ अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण दे रहा है। बैंगलोर में स्थापित अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में कक्षा प्रशिक्षण, शारीरिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण, सिम्युलेटर प्रशिक्षण, साथ ही फ्लाइट सूट प्रशिक्षण की दिया जा रहा है ।