इजरायल गाजा में लाखों लोगों को बेघर कर उन पर अत्याचार कर रहा है, ओवैसी का रुदन !

भाग्यनगर (तेलंगाना) – इजरायल और हमास के बीच संघर्ष चालू रहने के बीच, इजरायल ने गाजा पट्टी के नागरिकों से वहां से हटने का आवाहन किया है। उन्होंने इसके लिए २४  घंटे की समय सीमा दी है है।  एम.आई.एम. पक्ष अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी को पेट का दर्द उठा है। उन्होंने कहा कि २१ लाख की जनसंख्या वाले गाजा नगर में १० लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। इजराइल उन पर अत्याचार कर रहा है।

(सौजन्य : ANI News) 

ओवैसी ने कहा कि यह सब होने के उपरांत भी  विश्व शांति है। विश्व में भयानक सन्नाटा है। गाजा के लोगों ने क्या किया था ? उन्हें क्यों मारा जा रहा है ? इजरायल की ओर से इजरायल-हमास युद्ध के एकांगी समाचार दिए जा रहे हैं।

हमास के आक्रमण में अब तक १,३०० से अधिक इजरायली मारे जा चुके हैं और इजरायल के प्रति आक्रमण में २,००० से अधिक फिलिस्तीनीयों की मृत्यु हुई है । इन सबके बीच भारत समेत कई पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को इजरायल और फिलिस्तीन से सुरक्षित स्वदेश लाने के प्रयत्न प्रारंभ की दिए हैं।

फिलिस्तीन की भूमि पर ७० वर्ष से इजरायल नें नियंत्रण कर रखा है ! -ओवैसी

कश्मीर में भारत की भूमि पर पाकिस्तान और चीन अपना आधिपत्य बता रहे हैं। ओवैसी कभी इस संबंध में बात क्यों नहीं करते ? क्या भारतीय ये समझें की वह उनके मनानुसार  योग्य है ?

ओवैसी ने कहा कि इजराइल ने ७० वर्ष से फिलिस्तीन की भूमि पर आधिपत्य कर रखा है। ये सब किसी को दिखाई नहीं देता। क्या किसी को इजराइल के अत्याचार नहीं दिखते ? (भारत में जिहादी आतंकवादी भारत में बहुसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार करते हैं, और पाकिस्तान और बांग्लादेश में मुस्लिम कट्टरपंथी वहां के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार करते हैं। क्या ओवैसी को वह नहीं दिखता? – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • ३२ वर्ष पूर्व  जिहादी आतंकियों के भय के कारण साढे सात लाख कश्मीरी हिंदू अपने ही देश में विस्थापित हो गए थे। इस पर ओवैसी महाशय ने कभी कोई टिप्पणी क्यों नहीं की ? भारत में जिहादी आतंकवाद के विरुद्ध मुंह खोलने से क्यों डरते हैं ओवैसी ?
  • ओवैसी हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए अमानवीय विनाश के संबंध में बात क्यों नहीं करते? इसके विपरीत, इजराइल ने कम से कम गाजा पट्टी के नागरिकों को क्षेत्र छोडने के लिए कहा है, किन्तु निर्दयी हमास ने सर्वसाधारण  इजराइलियों के विरुद्ध भीषण अत्याचार किए हैं। इस पर चुप रहना ओवैसी के लिए लांच्छनास्पद है!