सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘आधुनिक विज्ञान की उत्पत्ति के पूर्व ही हिन्दू धर्मग्रंथ विकसित अवस्था में थे । आज विज्ञान जो खोज करता है, वह खोज हमारे ऋषि मुनियों ने सहस्रों वर्ष पूर्व ही कर ली थी । इसका उल्लेख वेद, उपनिषद, पुराण जैसे धर्मग्रंथों में है । इन ग्रंथों में अन्य भी अनेक वैज्ञानिक सूत्र लिखे हुए हैं, जिन तक आधुनिक विज्ञान नहीं पहुंच पाया है ।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक