(और इनकी सुनिए…) ‘आतंकवाद और अपहरण के संकट के कारण जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और असम न जाएं  !’ – कैनडा

कैनडा ने अपने नागरिकों के लिए प्रसारित की मार्गदर्शिका !

ओटावा (कैनडा) – कैनडा सरकार ने भारत के जम्मू-कश्मीर में अपने नागरिकों को वहां जाने से मना किया है । इसके साथ ही असम एवं मणिपुर में भी न जाने की सलाह दी है । कैनडा ने कहा है कि वहां आतंकवाद एवं अपहरण का धोखा है ।

(और इनकी सुनिए…) ‘हमें तनाव बढाना नहीं है !’ – प्रधानमंत्री ट्रुडो

कैनडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की नई भूमिका सामने आई है । वे बोले, ‘हमें अब तनाव बढाना नहीं है । हमें उकसाना नहीं है और न ही वाद-विवाद करना है । हमने कुछ तथ्य सामने रखे हैं । हमें इन सूत्रों पर भारत सरकार के साथ काम करना है जिससे सब कुछ स्पष्ट होगा ।’ (यदि ट्रुडो को प्रामाणिकता से ऐसा लगता है, तो उन्होंने पहले भारत के साथ इस विषय पर औपचारिक चर्चा की होती; परंतु उन्होंने भारत से प्रतिशोध लेने के लिए भारत के अधिकारी को देश छोडने का आदेश दिया, यह जगभर को ध्यान में आ गया है ! – संपादक)

ट्रुडो प्रमाण प्रस्तुत करें ! – कैनडा के विरोधी पक्षनेता की सलाह

विरोधी पक्षनेता पियरे पॉइलिवरे

खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या पर कैनडा एवं भारत में वाद-विवाद पर कैनडा के विरोधी पक्ष का दृष्टिकोण, प्रधानमंत्री ट्रुडो से भिन्न दिखाई दिया ।

वहां के विरोधी पक्षनेता पियरे पॉइलिवरे ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री को स्पष्ट और सीधे बोलना चाहिए । उनके पास प्रमाण हैंं, तो वह जनता के समक्ष प्रस्तुत करें । ऐसा होने पर ही लोग बता पाएंगे कि ‘कौन सही और कौन गलत है ! आश्चर्य की बात यह है कि ट्रुडो कोई भी तथ्य प्रस्तुत नहीं करते । वे केवल बाेलते हैं, जो कोई भी कर सकता है ।’

संपादकीय भूमिका 

कैनडा के हिन्दुओं के मंदिरों पर खलिस्तानवादियों द्वारा निरंतर हो रहे आक्रमणों पर अब भारत को भी ऐसे मार्गदर्शिका (एडवाइजरी) प्रसारित कर कैनडा को दर्पण दिखाना चाहिए !