(और इनकी सुनिए…) ‘घोषणापत्र’ में गर्व करने जैसा कुछ भी नहीं ! – यूक्रेन

‘जी-२०’ परिषद के घोषणा पत्र में यूक्रेन युद्ध में रूस का उल्लेख टाले जाने से यूक्रेन की टिप्पणी

रूस के परराष्ट्र मंत्री सर्गेई लावरोव और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (बाएं ) यूक्रेन के राष्ट्रपती वोलोदिमीर झेलेन्स्की (दाएं )

कीव (यूक्रेन) – भारत की अध्यक्षता में नई देहली में आयोजित ‘जी-२०’ परिषद में भारत ने बहुत नीतिपूर्णता दिखाते हुए संयुक्त घोषणा पत्र प्रसारित किया । जिसमें यूक्रेन युद्ध का उल्लेख करते समय रूस के नाम का उल्लेख टाल दिया । जिसे ‘जी-२०’ के सभी देशों ने मान्यता दी । अब इस पर यूक्रेन ने टिप्पणी की है । इस परिषद के लिए यूक्रेन को भारत ने आमंत्रित नहीं किया था । इस कारण भी यूक्रेन अप्रसन्न था ।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने फेसबुक पर लिखा, ‘घोषणा पत्र पर गर्व करने जैसा कुछ भी नहीं । यदि यूक्रेन इस परिषद में उपस्थित रहता, तो परिषद के सदस्यों ने उसकी स्थिति समझी होती ।’ परिषद में यूक्रेन की स्थिति रखने वाले देशों का उल्लेख करते हुए ओलेग ने आभार भी व्यक्त किया । फ्रांस सहित यूरोप के कुछ देशों को घोषणापत्र में यूक्रेन युद्ध के संबंध में की गई भाषा के विषय में आपत्ति थी ।

संपादकीय भूमिका

यूक्रेन ने कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा ही भारत का विरोध करते हुए पाकिस्तान को सहायता की है । इस विषय में भारत ने कभी कुछ नहीं कहा, इसका यूक्रेन को विचार करना चाहिए ! जब स्वयं का घर जलता है, तब दूसरों का दु:ख ध्यान में आता है; लेकिन यूक्रेन ने अभी भी कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन नहीं किया, यह ध्यान देने वाला विषय है !