इस्लामिक देशों के संगठन की ओर से तालिबान पर महिलाओं को शिक्षा देना आरंभ करने का दबाव !

परिस्थिति के अनुरूप निर्णय लेने तक धैर्य रखें , तालिबान का सुझाव !

काबुल (अफगानिस्तान) – हमारे समाज को भी स्त्री शिक्षा की आवश्यकता है । हम इस सूत्र पर कार्यरत हैं; किंतु स्थिति परखने के उपरांत ही कोई निर्णय लिया जाएगा, इसलिए धैर्य रखें, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा । इस्लामिक देशों के संगठन ´ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन´ (ओ.आई.सी.) के प्रतिनिधि मंडल को तालिबान ने यह कहा है । वर्तमान में यह प्रतिनिधि मंडल अफगानिस्तान भ्रमण पर है । अफगानिस्तान चूंकि इस संगठन का सदस्य है, इसलिए इस संगठन ने तालिबान सरकार पर दबाव डाला कि वह अब महिलाओं को शिक्षा देना आरंभ करे । तालिबान ने उपरोक्त आधिकारिक वक्तव्य प्रकाशित किया है । इस विषय पर अभी तक तालिबान सरकार तथा ओ.आई.सी. प्रतिनिधि मंडल के मध्य कोई सहमति नहीं बन पाई है । इस प्रतिनिधिमंडल में अनेक धार्मिक नेता भी सम्मिलित हैं ।

अफगानी छात्राएं तालिबान सरकार की आलोचना करती हैं !

अफगानिस्तान की छात्राओं ने तालिबान सरकार के वक्तव्य की भर्त्सना की है । उन्होंने कहा है कि और कितना धैर्य रखें ? ऐसे प्रतिबंधों से हम थक गए हैं ।’ लडकियों को शिक्षा प्रदान करने वाले सभी संस्थान लगभग २ वर्षों से बंद हैं । जब हमने तालिबान सरकार से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही विद्यालय एवं महाविद्यालय चालू करेंगे किंतु आज तक ऐसा नहीं हुआ ।

संपादकीय भूमिका 

विश्व के समक्ष यक्ष प्रश्न है कि ‘तालिबान ऐसा कौन सा इस्लामिक राज्य चला रहा है जो इस्लामिक देशों के संगठन की भी नहीं सुनता ?’ यदि कोई कहे कि इस संगठन को तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देनी चाहिए, तो यह त्रुटिपूर्ण नहीं होगा !