नई देहली – एक दशक पूर्व, भारत विश्व में रक्षा उपकरणों एवं हथियारों के शीर्ष ३ आयातकों में से एक बन गया था । विगत ६ वर्षों में रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भारत के चित्र में परिवर्तन हुआ है । वर्ष २०२२-२३ में भारत ने ८० देशों को १६ सहस्र करोड रुपए के स्वदेशी हथियार एवं स्पेयर पार्ट्स का निर्यात किया है । केंद्र सरकार ने वर्ष २०२५ तक १४ सहस्र करोड रुपए के सुरक्षा उत्पादों का लक्ष्य निश्चित किया है । ५ वर्षों में ३५ सहस्र करोड रुपए के निर्यात की तैयारी की है ।
भारत का रक्षा निर्यात 6 साल में 10 गुना, 2022-23 में 16 हजार करोड़ के हथियार बेचे#India | #DefenseExports | #LoudAndClear | @Surbhi_R_Sharma pic.twitter.com/g2y6zoAVkN
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) September 4, 2023
१. सुरक्षा अंतर्गत स्वदेशीकरण का आरंभ वर्ष २०१६ में हुआ । अन्य देशों से सुरक्षा समझौते में प्रथम शर्त है, देशी कंपनियों के साथ संयुक्त प्रकल्प निर्माण करना । ‘५६ सी-२९५ एम.डब्ल्यू.’ ट्रांसपोर्ट विमान के लिए एयरबस से समझौता किया गया । ३ वर्ष में १६ विमान स्पेन से भारत पहुंचेंगे । शेष ४० वडोदरा के एयरोस्पेस कॉम्प्लेक्स में निर्मित किए जाएंगे ।
२. गत सप्ताह ५ दिन की भारत यात्रा पर आए ब्राजिल की सेना के कमांडर जेनरल टॉमस मिगुएल माइन रिबेरो पाइवा ने ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों में रुचि दिखाई है ।
३. केनिया के सुरक्षामंत्री एडेन ब्रेर डुआले भी भारत से लडाकू नौका एवं लडाकू हेलिकॉप्टर क्रय करने के इच्छुक हैं ।