नई देहली – अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार, यदि भारत के किसानों ने वर्तमान गति से भूजल का उपसा करना आरंभ रखा, तो वर्ष २०८० तक देश का भूजल स्तर नीचे होने की अपेक्षा वर्तमान की गति से तीन गुणा बढ जाएगा । इससे देश की अन्नसुरक्षा, साथ ही जलसुरक्षा को गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है ।
#Groundwaterdepletion rates in #India could triple in coming decades as climate warms, study warns @umich @ScienceAdvances https://t.co/DQocbowP6n https://t.co/fPX4awH5HH
— Phys.org (@physorg_com) September 1, 2023
१. ‘साइंस एडवांसेस’ विज्ञान पत्रिका में प्रसारित किए गए शोध में प्रस्तुत किया गया है कि वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण भारत के किसान जलसिंचन के लिए भूजल का उपयोग अधिक मात्रा में कर रहे हैं । साथ-साथ यह चेतावनी भी दी गई है कि परिणामस्वरूप जल स्तर घटने के कारण देश की १४० कोटि जनसंख्या में से एक तृतीयांश जनसंख्या की उपजीविका संकट में आ जाएगी तथा वैश्विक स्तर पर भी उसका भीषण परिणाम होगा ।
२. मिशिगन विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक मेहा जैन ने कहा कि भारत भूजल का सर्वाधिक उपयोग करनेवाला देश है । प्रादेशिक एवं वैश्विक स्तर पर अन्नपूर्ति करने में महत्त्वपूर्ण देश है । अतः भूजल उपसा के संदर्भ में प्रस्तुत किए गए निष्कर्ष भारत के लिए गंभीर हैं ।
संपादकीय भूमिकाशीतपेय तथा पानी बोतलों के कारण ही उपसा अधिक हो रहा है । अतः सर्वप्रथम इस पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, यह ऐसा प्रतीत होना अनुचित नहीं है ! |