पति का अति मद्य पान करना तथा परिवार की देखभाल न करना मानसिक क्रूरता ! – छत्तीसगढ उच्च न्यायालय

रायपुर (छत्तीसगढ) – छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति गौतम भादुरी तथा न्यायमूर्ति संजय अग्रवाल ने प्रस्तुत किया कि पति का अति मद्य पान करना तथा परिवार की देखभाल न करना मानसिक क्रूरता है ।

अतः पायल शर्मा विरुद्ध उमेश शर्मा इस परिवाद की याचिका स्वीकार की गई । इसमें क्रूरता के आधार पर विवाह को समाप्त करने की मांग पत्नी द्वारा की गई है । न्यायालय को बताया गया कि ‘मद्य के नशे में पति पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करता था । परिस्थिति इतनी बिगड गई कि मद्य खरीदने के लिए उन्होंने घर की वस्तुओं को भी बेच दिया ।