राहुल गांधी के दंड को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगिति !

  • राहुल गांधी ने ‘मोदी’ उपनाम का अपमान करने का प्रकरण

  • सूरत न्यायालय ने २ वर्ष का दंड देने का कारण स्पष्ट करना आवश्यक है, ऐसा सर्वोच्च न्यायालय का मत

सर्वोच्च न्यायालय

नई देहली – मोदी उपनाम का अपमान करने के प्रकरण में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को सूरत न्यायालय ने २ वर्ष के कारावास का दंड सुनाया । इसलिए उनकी संसदीय सदस्यता निरस्त हो गई । दंड पर स्थगिति लाने के लिए प्रविष्ट याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में ४ अगस्त को सुनवाई  हुई । उस पर न्यायालय ने गांधी की दोषसिद्धता पर स्थगिति दी है ।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, किसी का अपमान करने के प्रकरण में अधिकाधिक २ वर्ष का दंड मिलता है ।. राहुल गांधी का  अपमानकारक वक्तव्य जमानती अपराध है । गांधी को दो वर्ष से एक दिन भी कम दंड मिला होता, तो कानून के अनुसार उनकी संसद की सदस्यता निरस्त नहीं होती ।  इसलिए सूरत न्यायालय ने गांधी को दो वर्ष का दंड देने का निश्चित कारण क्या था ? यह स्पष्ट करना था । गांधी का वक्तव्य अयोग्य था । सार्वजनिक जीवन में राहुल गांधी से अधिक दायित्व से व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है ।

न्यायालय के निर्णय पर कांग्रेस के ट्वीटमें उर्दू शब्दाें की अधिकता  !

मुसलमानाें की चापलूसी करने में धन्यता माननेवाली हिन्दूद्वेषी  कांग्रेस से और क्या अपेक्षा करें ?

न्यायालय के इस निर्णय पर कांग्रेस ने उसके अधिकृत ट्विटर खाते से ट्वीट किया । ‘‘यह द्वेष के विरोध में प्रेम की विजय है । सत्यमेव जयते !’’ इसमें भी कांग्रेस ने ‘मोहब्बत’, ‘नफरत’, ‘जीत’ इस प्रकार के उर्दू शब्दाें का उपयोग किया है ।