चीनी चल-दूरभाष कंपनी ने डुबोया ८ सहस्र करोड रुपए का कर (राजस्व) !

ओप्पो, विवो, शाओमी एवं ट्रान्सेशन जैसी बडी कंपनियां समाहित !

नई देहली – केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राज्यसभा में एक प्रश्‍न का लिखित उत्तर देते हुए कहा कि चल-दूरभाष का निर्माण करनेवाली चीनी कंपनियों ने विगत ५ वर्षों में ८ सहस्र करोड रुपए का सीमा शुल्क एवं वस्तु तथा सेवा कर (राजस्व)डुबोया है । इन कंपनियों में ओप्पो, विवो, शाओमी एवं ट्रान्सेशन जैसी बडी कंपनियां समाहित हैं । भारत की चीनी चल-दूरभाष कंपनियों का वार्षिक कारोबार डेढ लाख करोड रुपए से अधिक है ।

मंत्रालय के आंकडों के अनुसार वर्ष २०१७ से २०२३ की समयावधि में चीनी कंपनियों ने ७ सहस्र ९६५ करोड रुपए का सीमा शुल्क डुबो दिया है । उनकी ओर से अबतक केवल ६०४ करोड रुपए प्राप्त (वसूल) किए गए हैं । इस प्रकरण में उन्हें ‘कारण बताओ’ नोटिस दी गई है । वस्तु एवं सेवा कर (राजस्व) चोरी के प्रकरण में यह राशि १ सहस्र १०८ करोड रुपए थी । उसमें से १ सहस्र २६ करोड रुपए प्राप्त किए गए हैं ।

संपादकीय भूमिका 

यदि भारतीय ऐसे भारतद्रोही चीनी चल-दूरभाष प्रतिष्ठानों का बहिष्कार करते हैं, जो कर (राजस्व)बढाते हैं तथा उनके चल-दूरभाष क्रय करना टालते हैं, तो यदि कोई सोचे कि इससे इन कंपनियों को सबक मिलेगा, तो क्या चूक है ?