ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने के लिए न्यायालय की अनुमति !

  • ४ अगस्त तक सर्वेक्षण कर ब्योरा प्रस्तुत करने का भी आदेश

  • वैज्ञानिक सर्वेक्षण से ज्ञानवापी की प्राचीनता एवं वहां शिवलिंग के उजागर होने की संभावना !

वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – यहां के ज्ञानवापी के प्रकरण में जिला न्यायालय ने पुरातत्व विभाग को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी है । आगामी ४ अगस्त तक वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर उसका ब्योरा प्रस्तुत करने का आदेश भी न्यायालय ने दिया है । हिन्दू पक्ष द्वारा इस संदर्भ में मांग की गई थी । ज्ञानवापी का वजू खाना (नमाज से पहले हाथ-पैरा धोने की जगह) छोड पूरे परिसर का सर्वेक्षण किया जाएगा । न्यायालय के आदेश पर हुए सर्वेक्षण के उपरांत वजू खाना बंद कर दिया गया है । इस सर्वेक्षण से ज्ञानवापी कितनी वर्ष प्राचीन है ? और ज्ञानवापी में पाए गए शिवलिंग कितने पुराने हैं ?, यह स्पष्ट होगा । वैज्ञानिक सर्वेक्षण में आधुनिक यंत्रणाओं का उपयोग किया जाएगा । मुसलमान पक्ष द्वारा इस मांग का विरोध किया गया था । इससे पूर्व ज्ञानवापी परिसर के न्यायालय के आदेश से न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए अधिवक्ता आयुक्तों द्वारा सर्वेक्षण किया गया था । उसमें यहां के वजू खाने के निकट शिवलिंग पाया गया था । इसके साथ ही पश्चिम दिशा की दीवार पर हिन्दुओं के धार्मिक चिन्ह पाए गए थे ।

१. हिन्दू पक्ष का दावा है कि इस ज्ञानवापी में ३ गुंबद हैं और उसके नीचे की जगह पर दीवार बनाकर उसे बंद कर दिया गया है । वहां यदि वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया जाए, तो वहां देवी-देवताओं की मूर्तियों सहित काशी विश्वेश्वर का मूल शिवलिंग पाए जाने की संभावना है । यहां के मूल गुंबद पर मुसलमान पद्धति से नया गुंबद बनाकर उसे छिपा दिया गया है । उनका कहना है कि इस गुंबद के नीचे गर्भगृह है ।

२. इस अभियोग के हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया, ‘हमने मांग की है कि हमें सवेरे ८ बजे से दोपहर १२ बजे तक, यह सर्वेेक्षण करने दिया जाए । इससे पूर्व न्यायालय आयुक्त ने भी इसी समय सर्वेक्षण किया था; कारण इस समय यहां कोई नमाजपठन के लिए नहीं आता, जिससे कार्य में बाधा नहीं आती । यदि इस प्रकरण में मुसलमान पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में गया, तो हम वहां भी उनका विरोध करेंगे ।

शिवलिंग के सर्वेक्षण पर निर्णय प्रलंबित

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, वजू खाने में पाए शिवलिंग के विषय में न्यायालय में स्वतंत्र अभियोग चल रहा है । इसलिए अब उसका सर्वेक्षण नहीं होगा । इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय में अभियोग प्रलंबित है और आगामी २९ जुलाई को सुनवाई होगी ।