वॉशिंगटन – प्रत्येक समाज एवं देश के समक्ष कुछ अडचनें एवं आवाहन होते हैं । इसमें अपना भी (अमेरिका का भी) समावेश है । कोई भी देश आदर्श नहीं है । सबमें कुछ न कुछ कमियां हैं । ऐसे में मानवाधिकार के संबंध में भारत को हम (अमेरिका) परामर्श नहीं दे सकते, ऐसा प्रतिपादन अमेरिका स्थित हिन्द-प्रशांत महासागर क्षेत्र के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में किया । भारत के मानवाधिकार आयोग के संबंध में उन्हें पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह विधान किया ।
Don't think US can or should lecture India any other country on democracy, human rights: Kurt Campbell
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— ANI Digital (@ani_digital) July 6, 2023
कर्ट कैंपबेल ने आगे कहा,
१. भारत और अमेरिका के संबंधों में चीन का सूत्र महत्त्वपूर्ण है । तथापि दोनों देश इस एक ही सूत्र का विचार कर रहे हैं, ऐसा नहीं है, अपितु अन्य अनेक सूत्रों पर भी दोनों को एकत्रित काम करना है ।
२. रशिया-यूक्रेन युद्ध में भारत ने सैद्धांतिक भूमिका स्वीकारी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की स्थिति एवं वहां के नागरिकों को होनेवाले कष्टों के संबंध में स्पष्ट भूमिका प्रस्तुत की है । इस युद्ध से भारत चिंतित है तथा रशिया की भूमिका निंदनीय है, ऐसा उसका मत है ।
संपादकीय भूमिका
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