मानवाधिकार के संबंध में हम भारत को परामर्श नहीं दे सकते ! – अमेरिका

हिन्द-प्रशांत महासागर क्षेत्र के समन्वयक कर्ट कैंपबेल

वॉशिंगटन – प्रत्येक समाज एवं देश के समक्ष कुछ अडचनें एवं आवाहन होते हैं । इसमें अपना भी (अमेरिका का भी) समावेश है । कोई भी देश आदर्श नहीं है । सबमें कुछ न कुछ कमियां हैं । ऐसे में मानवाधिकार के संबंध में भारत को हम (अमेरिका) परामर्श नहीं दे सकते, ऐसा प्रतिपादन अमेरिका स्थित हिन्द-प्रशांत महासागर क्षेत्र के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में किया । भारत के मानवाधिकार आयोग के संबंध में उन्हें पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह विधान किया ।

कर्ट कैंपबेल ने आगे कहा,

. भारत और अमेरिका के संबंधों में चीन का सूत्र महत्त्वपूर्ण है । तथापि दोनों देश इस एक ही सूत्र का विचार कर रहे हैं, ऐसा नहीं है, अपितु अन्य अनेक सूत्रों पर भी दोनों को एकत्रित काम करना है ।

. रशिया-यूक्रेन युद्ध में भारत ने सैद्धांतिक भूमिका स्वीकारी है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की स्थिति एवं वहां के नागरिकों को होनेवाले कष्टों के संबंध में स्पष्ट भूमिका प्रस्तुत की है । इस युद्ध से भारत चिंतित है तथा रशिया की भूमिका निंदनीय है, ऐसा उसका मत है ।

संपादकीय भूमिका

  • अमेरिका को विलंब से सूझा सयानापन ! अभी तक भारत के विरुद्ध झूठे ब्यौरे प्रसारित कर भारत की मानहानि करनेवाली अमेरिका क्षमायाचना करे, ऐसी मांग भारत को करनी चाहिए !
  • अभी तक अमेरिका भारत के विरुद्ध प्रसारित किए झूठे ब्यौरे पीछे लेकर संबंधितों पर कठोर कार्यवाही करे तथा इससे आगे ऐसे ब्यौरे प्रसारित न करने की चेतावनी उनके देश के तथाकथित बुद्धिवादियों, मानवाधिकार एवं सामाजिक संगठनों को दे, ऐसी मांग भी भारत को करनी चाहिए !