रूस में ‘वैगनर ग्रुप’ सेनाका विद्रोह !

वैगनर समूह के सैनिकों ने रोस्तोव नगर करो नियंत्रण में लिया !

वॅगनर ग्रुप प्रमुख येवगेनी प्रिगोजीन एवं व्लादिमीर पुतिन

मॉस्को (रूस) – रूस की निजी सेना “वैगनर ग्रुप” ने रूस के विरुद्ध विद्रोह कर दिया है। इस सेना के २५ सहस्त्र सैनिकों ने रोस्तोव नगर पर नियंत्रण कर लिया है। इस सेना के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने कहा, ‘हम मॉस्को की ओर बढ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी गई है कि जो लोग हमारे मार्ग आडे आएंगे उन्हें सबक सिखाया जाएगा। दूसरी ओर, मास्को में अतिदक्षता की चेतावनी दी गई है एवं राष्ट्रपति पुतिन के निवास , कार्यालय और संसद पर सैनिकों को की बडी तैनाती की गई है। टैंक भी तैनात किए गए हैं। वैगनर समूह के विद्रोह के कारण रूस में सत्तापलट की भविष्यवाणी की गई है। प्रिगोजिन ने पुतिन पर यूक्रेन में वैगनर के प्रशिक्षण शिविर पर मिसाइल आक्रमण करने का आरोप लगायाहै। मिसाइल आक्रमण में वैगनर के अनेक सैनिक मारे गए। इससे क्रोधित होकर प्रिगोजिन ने रूस के विरुद्ध विद्रोह का आह्वान कर दिया । इसके उपरांत रूस ने प्रिगोजिन के विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ कर दी है ।


(सौजन्य : Zee News)

१. प्रिगोजिन ने दावा किया है कि उसके सैनिक रूसी सीमा में घुस गए हैं और एक रूसी सैन्य हेलीकॉप्टर को भी मार गिराया है । उनकी सेनाओं ने रोस्तोव नगर में कई ठिकानों पर नियंत्रण कर लिया है।

२. प्रिगोजिन ने कहा कि हमारे पास २५ सहस्त्र सैनिकों की सेना है। हमने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया है और हमने मरमिटने की ठान ली है। हम अपनी मातृभूमि और रूस के नागरिकों के लिए खडे हैं।

३. प्रिगोजिन ने कहा है कि हमारे सैनिक दक्षिणी सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर गये हैं। हमने दक्षिण में जिला प्रशासनिक भवनों पर नियंत्रण कर लिया है।

४. वैगनर ग्रुप के विद्रोह के कारण रूस में वातावरण भयावह हो गया है और रूस के प्रशासनिक अधिकारी आवाहन कर रहे हैं कि ‘नागरिकों को घर पर ही रहना चाहिए और बाहर नहीं निकलना चाहिए।’

वैगनर ग्रुप क्या है?


“वैगनर ग्रुप” रूस में एक अर्धसैनिक संगठन है। यह एक निजी संस्था है। इस संगठन में काम करने वाले सैनिक रूसी कानून के अंतर्गत नहीं आते । वर्ष २०१४ विश्व के समक्ष यह उजागर हुआ कि सैनिकों का ऐसा संगठन रूस में कार्यरत है। यह संगठन यूक्रेन में सक्रिय अलगाववादी शक्तियों का समर्थन करता था।

‘वैगनर ग्रुप’ ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा! – पुतिन

मास्को (रूस) – रूस की निजी सेना वैगनर ग्रुप के विद्रोह के उपरांत राष्ट्रपति पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम अपने देश को आंतरिक विद्रोह से संरक्षित करेंगे । वैगनर ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने सेना को चुनौती दी है। निजी सेना ने देश की जनता को धोखा दिया है। हम हर परिस्थिति में रूसी नागरिकों की रक्षा करेंगे।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने वैगनर ग्रुप के प्रमुख प्रिगोजिन के विरुद्ध बंदी आदेश जारी किया है। इस अपराध के लिए प्रिगोजिन को २० वर्ष तक का कारावास भुगतना पड सकता है।

प्रिगोजिन ने विद्रोह क्यों किया?

रूस की ओर से येवनेगी प्रिगोजिन की वैगनर ग्रुप की सेनाएं यूक्रेन में लड़ रही हैं। कुछ दिन पूर्व  प्रिगोजिन ने एक चलचित्र संदेश में रूसी रक्षा मंत्रालय पर उनके समूह के सैनिकों को पर्याप्त शस्त्र और युद्ध सामग्री उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया था। इसके उपरांत रूस ने वैगनर की सेना पर मिसाइलों और लड़ाकू विमानों से आक्रमण कर दिया। उसमें उसके अनेक सैनिक मारे गये। इस घटना के उपरांत  प्रिगोजिन ने आरोप लगाया कि रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगु वैगनर समूह की सेना को नष्ट करने के लिए रूसी सैन्य अधिकारियों के साथ काम कर रहे थे। इसी पृष्ठभूमि में प्रिगोजिन ने यह विद्रोह किया है।

येवगेनी प्रिगोजिन कौन है?

येवगेनी प्रिगोजिन एवं व्लादिमीर पुतिन

येवगेनी प्रिगोजिन का जन्म साल १९६१ में रूस के लेनिनग्राद नगर में हुआ था। १९८१ में  प्रिगोजिन को आक्रमण , डकैती और धोखाधडी का दोषी ठहराया गया और १३ वर्ष का कारावास का दंड सुनाया  गया । ९ वर्ष कारावास भोगने के उपरांत उन्हें मुक्त कर दिया गया। अपनी मुक्तता के उपरांत उन्होंने खाद्य पदार्थ विक्रय का व्यवसाय प्रारंभ किया। कुछ समय उपरांत उन्होंने एकअल्पाहारगृह प्रारंभ किया। वह बहुत प्रसिद्ध हो गये। यहीं पर उनकी भेंट राष्ट्रपति पुतिन से हुई थी। इसके उपरांत  प्रिगोजिन ने खाद्य पदार्थ विक्रय व्यवसाय प्रारंभ । उन्हें रूसी सेना और विद्यालयीन बच्चों को भोजन  आपूर्ति के ठेके मिलने लगे। ये ठेके उन्हें पुतिन के कारण ही मिले । इसके उपरांत उन्होंने रूस के समर्थन में ‘वैगनर ग्रुप’ नाम से एक निजी सेना खड़ी की। इनमें सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, सैनिक, अपराधी आदि को समाहित किया गया । इस सेना को पुतिन ने सीरिया, लीबिया, माली और अफ्रीका में लडने के लिए भेजा था। यूक्रेन युद्ध में भी यह सेना तैनात की गई थी। इस कारण से प्रिगोजिन को पुतिन के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाने लगा।