पुनः पुन: न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले व्यक्ति को सर्वोच्च न्यायालय ने फटकारते हुए १० सहस्र रुपए का दंड सुनाया !

नई  देहली – निर्णय दिए गए विषय पर पुनः पुन: याचिका प्रविष्ट करने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को फटकार लगाई तथा उसे १० सहस्र रुपए का दंड भी सुनाया । ‘इस प्रकार की याचिकाएं प्रविष्ट करना समय का अपव्यय करने समान है’, न्यायालय ने ऐसा कहा ।

इस व्यक्ति को नौकरी से हटा दिया गया था तथा इसके विरुद्ध उसकी प्रविष्ट याचिका पर वर्ष २००४ में निर्णय दिया गया था । अब इस व्यक्ति ने पुन: इस विषय में याचिका प्रविष्ट कर अपने पर अन्याय हुआ कहते हुए पुन: सुनवाई करने की मांग की थी । इस कारण न्यायालय ने उसे फटकार लगाई ।