(अब इनकी सुनिए…. ) ‘डोकलाम वाद हल करने में चीन की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण !’ – लोटे शेरिंग भूटान के प्रधानमंत्री

भूटान के प्रधान मंत्री द्वारा चीन का समर्थन करने का प्रयास !

लोटे शेरिंग

थिंपू (भूटान) – डोकलाम वाद हल करने हेतु चीन की भूमिका भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने एक दैनिक को दिए साक्षात्कार में ऐसा कहा है । इसलिए कहा जा रहा है कि भूटान चीन का समर्थन कर रहा है । इससे पूर्व ‘भूटान की सीमा में घुसपैठ कर चीन ने १० गांव बसाए हैं ।’ यह प्रसारित समाचार भी भूटान ने अस्वीकार कर दिया था । इससे स्पष्ट है कि भूटान ने चीन से निकटता निर्माण की है । डोकलाम भाग भूटान की सीमा पर है ।

१. इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री शेरिंग ने आगे कहा कि समस्या का हल निकालना अकेले भूटान के हाथ में नहीं है । इसमें तीनो ही देश हैं । इसमें कोई बडा अथवा छोटा नही, वे समान हैं तथा सभी एक तिहाई सहभाग है ।

२. चीन ने डोकलाम के पास भूटान की सीमा में गांव बसाने के साथ मार्ग भी निर्माण किए हैं । इसलिए भारत के लिए इस क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से चुनौती उत्पन्न हो गई है । भारत डोकलाम भाग में चीन की बढती विस्तारवादी नीति का विरोध करता आया है । डोकलाम भूटान का भाग है तथा भारत अनेक दशकों से सैन्य स्तर पर भूटान की सुरक्षा कर रहा है । वर्ष २०१७ में डोकलाम में चीन तथा भारत के सैनिक २ माह तक एक-दूसरे के सामने खडे रहे थे । चीन यहां अवैधानिक रूप से मार्गों का निर्माण कर रहा था, जिसका भारत ने विरोध किया था ।

संपादकीय भूमिका 

इससे ध्यान में आता है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि भारत की ‍विदेश नीति में कुछ चूक हो रही है अथवा चीन अधिक प्रभावी सिद्ध हो रहा है ? इस पर विचार करना आवश्यक है !