नई दिल्ली – दोषी व्यक्ति को मृत्युदंड के रूप में फांसी पर लटकाने के स्थान पर दूसरा दंड दे सकते हैं क्या ? इसका केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए, साथ ही विशेषज्ञों की समिति बनाकर अल्प पीडा का दूसरा पर्याय सुझाना चाहिए, ऐसी सूचना उच्चतम न्यायालय ने दी है । फांसी पर लटकाने के उपरांत दोषी व्यक्ति की मृत्यु होने में कितनी देर लगती है ? फांसी के कारण कितनी पीडा होती है ? इस विषय में बडे अस्पतालों के विशेषज्ञों से जानकारी इकट्ठा कर इसे न्यायालय के सामने प्रस्तुत करें, ऐसा आदेश भी न्यायालय ने दिया है ।
याचिकाकर्ता ने फांसी की जगह ऐसे तरीके से मौत की सजा देने की अपील की है, जो अमानवीय न हो और जिसमें दर्द कम होता हो#SupremeCourt (@sanjoomewati, @AneeshaMathur)https://t.co/rM89ZMw6mz
— AajTak (@aajtak) March 21, 2023
‘वर्तमान में फांसी देने का ढंग अत्यंत अमानवीय है । दोषी को फांसी पर लटकाने पर अत्यधिक पीडा होने के पश्चात उसकी मृत्यु होती है । इसके स्थान पर गोली मारकर, प्राणघातक इंजेक्शन देकर अथवा बिजली का झटका देकर मृत्यु दंड देना चाहिए’, ऐसी मांग करने वाली याचिका न्यायालय में प्रविष्ट की गई है । इस पर सुनवाई करते समय न्यायालय ने उपर्युक्त आदेश दिया । इस प्रकरण में २ मई को आगे की सुनवाई होने वाली है ।